डीएनए हिंदी: इसी साल मई के महीने में मणिपुर में शुरू हुई हिंसा अभी भी जारी है. अब प्रदर्शनकारी भीड़ ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के ही एक दफ्तर में आग लगा दी है और उस पर पथराव भी किया है. थौबल में हुई आगजनी की यह घटना पहली नहीं है जब बीजेपी के दफ्तर को निशाना बनाया गया है. इससे पहले भी बीजेपी के एक ऑफिस को फूंक दिया गया था. इसी बीच पहाड़ी इलाकों में AFSPA को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. यह प्रदर्शन दो छात्रों की हत्या के विरोध में आयोजित किया गया था.
मंगलवार रात को प्रदर्शनकारियों और आरएएफ के जवानों के बीच झड़प हुई थी. इसके बाद सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज कर दिया. इस घटना में 45 से ज्यादा लोग घायल हो गए जिनमें से ज्यादातर छात्र हैं. यह प्रदर्शन जुलाई के महीने में लापता हो गए दो छात्रों की हत्या के मामले में आयोजित किया गया था. अब इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई है. सीबीआई निदेशक अजय भटनागर मामले की जांच करने के लिए बुधवार को ही इंफाल पहुंच गए.
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भीड़ ने बीजेपी ऑफिस को बनाया निशाना
छात्रों की हत्या के मामले में न्याय की मांग के लिए सड़क पर उतरी भीड़ ने बीजेपी के इस मंडल कार्यालय पर धावा बोल दिया. गनीमत यह रही कि इस हमले में किसी की जान नहीं गई. भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने बीजेपी दफ्तर के दरवाजे, दफ्तर के सामान और फर्नीचर को तोड़ डाला और उनमें आग लगा दी. आग इतनी भयानक थी कि काफी दूर से भी उसकी लपटें देखी जा सकती थीं.
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बता दें कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई महीने से जारी हिंसा अभी भी कई इलाकों में जारी है. इन पांच महीनों में सैकड़ों लोगों की जान गई है और हजारों लोग बेघर हुए हैं. अभी भी हजारों लोग सरकारी कैंपों में रहने को मजबूर हैं.
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