Manipur Violence: मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, दो गुटों के बीच गोलीबारी में 13 लोगों की मौत

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 04, 2023, 07:10 PM IST

Manipur Violence

Manipur Violence News: मणिपुर सरकार ने 7 महीने बाद रविवार को राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं से प्रतिबंध हटा दिया था. हाालांकि कुछ जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में अब भी प्रतिबंध जारी रहेगा.

डीएनए हिंदी: मणिपुर में सोमवार को एक बार फिर हिंसा भड़क गई. जिसमें 13 लोगों की मौत की खबर सामन आ रही है. मणिपुर सरकार ने रविवार को 7 महीने बाद राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं से प्रतिबंध हटाया था. जानकारी मिल रही है कि सोमवार दोपहर टेंगनौपाल जिले के साइपोल के पास लेटिथु गांव में दो उग्रवादी गुटों के बीच फायरिंग हुई है. घटना के बाद इलाके में सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं.

तेंगनौपाल जिले के एक अधिकारी ने कहा, ‘म्यांमार जा रहे उग्रवादियों के एक समूह पर इलाके में दबदबा रखने वाले उग्रवादियों के एक अन्य समूह पर घात लगाकर हमला कर दिया. इस दौरान अंधाधुंध गोलियां चलाई गईं. अधिकारियों ने बताया कि मौके से सुरक्षाबलों को अब तक 13 शव मिले हैं. मारे गए लोगों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वे स्थानीय नहीं थे. तेंगनौपाल जिले की सीमा म्यांमार से लगती है.

50 हजार लोग बेघर
गौरतलब है कि मणिपुर में 3 मई 2023 से मैतई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा भड़की हुई है. दोनों तरफ से अब तक 182 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि लगभग 50 हजार लोग बेघर हो गए. मणिपुर सरकार ने रविवार को करीब 7 महीने बाद हिंसा प्रभावित जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर से प्रतिबंध हटा लिया था. सरकार ने राज्य के सबसे पुराने उग्रवादी संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) द्वारा किए गए शांति समझौते पर किए गए हस्ताक्षर के बाद यह कदम उठाया.

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यूएनएलएफ के साथ त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर के चार दिन बाद शनिवार को राज्य सरकार ने यूएनएलएफ कैडरों और उनके परिवार के सदस्‍यों के लिए स्वागत समारोह आयोजित किया. इंफाल के कांगला में समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अन्य सभी उग्रवादी संगठनों से शांति प्रक्रिया में शामिल होने का आग्रह करते हुए कहा कि वह शांति प्रक्रिया में शामिल होने के इच्छुक किसी भी संगठन के लिए सुविधा प्रदाता के रूप में काम करने के लिए तैयार हैं. यह देखते हुए कि आतंकवाद संबंधी हिंसा के कारण कई लोगों की जान चली गई है. बीरेन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन और सलाह के तहत यूएनएलएफ के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में लगभग तीन साल लग गए.

बीरेन सिंह ने उचित सत्यापन के बिना सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना फैलाने के खिलाफ भी अपील की, क्योंकि इससे समाज में शांति भंग हो सकती है. मुख्यमंत्री ने लोगों से माफ करने और भूल जाने के अपने पहले के आह्वान को दोहराते हुए कहा, “हम लंबे समय से विभाजित होकर रह रहे हैं और विभाजन के कारण हमने कई कीमती जिंदगियां खो दी हैं. आइए, हम बलिदान देना सीखें.' उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोगों को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम को हटाने और मणिपुर के स्वदेशी लोगों की रक्षा के लिए इनर लाइन परमिट के कार्यान्वयन की मोदी और शाह के तहत केंद्र सरकार की कार्रवाई को भी स्वीकार करना चाहिए.

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