देश का नॉर्थ-ईस्ट राज्य मणिपुर हिंसा की आग में धधक रहा है. पिछले 12 दिनों में 19 लोगों की मौत हो चुकी है. मैतेई और कुकी समुदायों की बीच भड़की यह हिंसा थम नहीं रही है. जिरीबाम जिले से लापता हुए 6 लोगों के शव का पोस्टमार्टम हो गया है, लेकिन परिजन अंतिम संस्कार के लिए शवों को ले जाने को इच्छुक नहीं हैं. सभी शव सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएमसीएच) के मुर्दाघर में पड़े हुए हैं.
जानकारी के छठा शव सोमवार को असम के कछार जिले में बराक नदी से बरामद किया गया था, जिसके बाद एसएमसीएच में उसका पोस्टमार्टम किया गया. इस घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘सभी छह शवों का पोस्टमार्टम एसएमसीएच में हो चुका है. संबंधित चिकित्सकों ने रिपोर्ट भी तैयार कर ली है.’
हालांकि, अधिकारी ने कहा कि इस बात की पुष्टि नहीं सकी है कि शवों को अंतिम संस्कार के लिए उनके परिजनों को सौंपने के वास्ते मणिपुर कब ले जाया जाएगा. मणिपुर के जिरीबाम जिले में 11 नवंबर को सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 10 उग्रवादी मारे गए थे.
मुठभेड़ के कुछ घंटे बाद राहत शिविर में रहने वाली तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता हो गए थे. इनमें से दो महिलाओं और एक बच्चे का शव असम के कछार जिले में बराक नदी से शनिवार को बरामद किया गया था, जबकि एक महिला एवं दो बच्चों के शव शुक्रवार रात जिरीबाम में जिरी नदी से मिले थे.
आरोप है कि उग्रवादियों ने अपहरण के बाद इन लोगों की हत्या कर दी. मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में पिछले साल मई से अब तक 220 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. (इनपुट-PTI)
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