'FIR में 14 दिन क्यों लगे, कितने लोग हुए गिरफ्तार', मणिपुर हिंसा पर SC ने केंद्र सरकार से पूछे ये सवाल

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 31, 2023, 04:54 PM IST

Manipur violence

Supreme Court On Manipur Viral Video: मणिपुर हिंसा से संबंधित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ समेत तीन जजों की पीठ सुनवाई कर रही है.

डीएनए हिंदी: मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) को लेकर सड़क से लेकर संसद तक हंगामा मचा है. विपक्ष इस मुद्दे पर संसद में पीएम नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहा है. वहीं, महिलाओं से बर्बरता मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने केंद्र सरकार से तीखे सवाल किए हैं. CJI ने घटना के 4 मई को सामने आने का उल्लेख करते हुए पूछा कि प्राथमिकी दर्ज करने में 14 दिन क्यों लगे? राज्य में मई महीने से इस तरह की घटनाओं के मामले में कितनी प्राथमिकी दर्ज की गई हैं? 

केंद्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि अगर शीर्ष अदालत मणिपुर हिंसा के मामले में जांच की निगरानी करती है तो केंद्र को कोई आपत्ति नहीं है. मणिपुर हिंसा से संबंधित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ सुनवाई कर रही है. सीजेआई ने कहा कि हम यह जानना चाहते हैं कि इस मामले में अबतक कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई है. सरकार पीड़ितों के लिए किस तरह की विधिक सहायता मुहैया करा रही है. हम राज्य के प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास पैकेज के बारे में भी जानना चाहते हैं.

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बता दें कि मणिपुर में जिन दो महिलाओं को नग्न घुमाया गया और उनके साथ यौन उत्पीड़न किया गया उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पीड़िताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा जिन्हें 4 मई के एक वीडियो में कुछ लोगों द्वारा निर्वस्त्र करके उनकी परेड कराते हुए देखा गया था. सिब्बल ने कहा कि उन्होंने मामले में एक याचिका दायर की है. मामले में सुनवाई चल रही है.


सुप्रीम कोर्ट ने पूछे ये सवाल
सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि इस मामले में कितनी FIR दर्ज हुईं, जांच कहां तक पहुंची, गिरफ्तार अभियुक्तों को कानूनी सहायता की स्थिति, अब तक कितने धारा 164 के बयान दर्ज किए गए और पीड़ितों के पुर्नवास के लिए क्या कदम उठाए गए. इन जवाबों के साथ सुप्रीम कोर्ट फिर मंगलवार को इस मुद्दे पर सुनवाई करेगी. 

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सुनवाई के दौरान एक NGO ने कोर्ट को बताया कि कई महिलाएं हिंसा से भागकर दूसरे राज्यों में चली गई हैं, उनकी बयान दर्ज होने चाहिए. इस पर CJI चंद्रचूड़ ने पूछा क्या उनमें से ज्यादातर महिलाएं दिल्ली में हैं? अगर हैं तो उनके बयान दर्ज होने चाहिए

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