मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा (Haryana) के मुख्यमंत्री के तौर पर इस्तीफा दे दिया है. वह अपना दूसरा कार्यकाल पूरा नहीं कर सके हैं. बीजेपी और जेजेपी (BJP-JJP Alliance) टूट गया और अब सीएम की रेस में कई अनिल विज से लेकर नायब सैनी तक का नाम चल रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में कुर्सी गंवाने वाले मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में अब खट्टर भी शामिल हो गए हैं. इससे पहले उत्तराखंड, त्रिपुरा से लेकर महाराष्ट्र तक के सीएम को अपना पद गंवाना पड़ा है. देखें अब तक और कौन-कौन से दिग्गज इस लिस्ट में शामिल हैं.
त्रिवेंद्र सिंह रावत
उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत 18 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन कार्यकाल पूरा करने से पहले ही बीजेपी हाई कमान ने सत्ता बदल दी. त्रिवेंद्र सिंह रावत को 10 मार्च 2021 को 3 साल 357 दिन बाद इस्तीफा देना पड़ा.
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तीरथ सिंह रावत
त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर बीजेपी ने तीरथ सिंह रावत को सत्ता सौंपी, लेकिन उन्हें विधानसभा चुनाव से पहले इस्तीफा देना पड़ा था. रावत सीएम की कुर्सी पर महज 116 दिन ही बैठ सके.
आनंदीबेन पटेल
2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आनंदीबेन पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था. पटेल को सिर्फ 2 साल 77 दिनों के कार्यकाल के बाद इस्तीफा देना पड़ा. अब वह सक्रिय राजनीतिक जीवन से दूर उत्तर प्रदेश की गवर्नर हैं.
विजय रूपाणी
गुजरात में विजय रूपाणी के सीएम रहते ही बीजेपी ने विधानसभा चुनाव जीता था, लेकिन वह भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. उन्हें हटाकर बीजेपी ने भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया.
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येदियुरप्पा
कर्नाटक में साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद बीजेपी ने बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन 3 ही दिन में उन्हें पद छोड़ना पड़ा. कांग्रेस के समर्थन से जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बन गए. हालांकि, 1 साल 61 दिन बाद फिर से येदियुरप्पा कर्नाटक की 15वीं विधानसभा में सीएम बन गए. इस बार भी वह कार्यकाल पूरा नहीं कर सके और बीजेपी ने उन्हें हटाकर बसवाराज बोम्मई को सीएम बना दिया.
देवेंद्र फडणवीस
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2014 में जीत के बाद बीजेपी और शिवसेना की गठबंधन सरकार बनी और सीएम देवेंद्र फडणवीस बने थे. 2019 के नवंबर में शिवसेना ने चुनाव पूर्व गठबंधन खत्म कर दिया जिसके बाद अजित पवार के समर्थन से उन्होंने आनन-फानन में सीएम पद की शपथ ली. हालांकि 5 दिन बाद ही उनकी सरकार गिर गई. इसके बाद उद्धव ठाकरे सीएम बने, लेकिन एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद वह भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए.
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