मराठा आरक्षण के लिए मुंबई पहुंच रहे मनोज जरांगे पाटिल, धारा 144 लागू, सीमा पर RAF तैनात

Written By नीलेश मिश्र | Updated: Jan 25, 2024, 11:03 AM IST

Manoj Jarange Patil

Maratha Reservation March: मनोज जरांगे पाटिल की अगुवाई में मराठा आरक्षण मार्च मुंबई पहुंचने वाला है. मुंबई पुलिस इसे रोकने की तैयारी कर रही है.

डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है. हाल ही में अनशन करने वाले मनोज जरांगे पाटिल की अगुवाई में इस बार जालना से मुंबई तक पैदल मार्च किया जा रहा है. बुधवार को पुणे पहुंचे इस मार्च में बंपर भीड़ देखी गई. वहीं, महाराष्ट्र सरकार पूरी कोशिश में लगी है कि यह मार्च मुंबई में दाखिल ने होने पाए. इस मार्च को रोकने के लिए सरकार ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन अदालत ने इसे रोकने से इनकार कर दिया. अब मुंबई में धारा 144 लागू कर दी गई है. इसके अलावा, मुंबई-पुणे एक्सप्रेस के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर भारी संख्या में रैपिड ऐक्शन फोर्स समेत अन्य सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के अपने समर्थकों के साथ मुंबई में प्रवेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया लेकिन महाराष्ट्र सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि शहर की सड़कों पर जाम न हो. जस्टिस ए एस गडकरी और जस्टिस श्याम चांडक की बेंच ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार के पास आवश्यक कार्रवाई करने का अधिकार है कि कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब नहीं हो और शहर की सड़कें बाधित नहीं हों.

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मुंबई में धारा 144 लागू
मार्च के मुंबई पहुंचने से पहले ही मुंबई पुलिस ने शहर में धारा 144 लागू कर दी है और किसी भी तरह के जुलूस या रैली पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पुलिस के मुताबिक, यह आदेश मंगलवार से ही लागू कर दिया गया है और अगले 15 दिन यानी 6 फरवरी तक लागू रहेगा. वहीं, मनोज जरांगे पाटिल का कहना है कि मराठा समुदाय के लगभग दो-ढाई करोड़ लोग मुंबई आएंगे. मराठा समुदाय के लोग 26 जनवरी को अपनी ताकत दिखाएंगे.

क्या है मांग?
मनोज जरांगे पाटिल मांग कर रहे हैं कि महाराष्ट्र के सभी मराठा नागरिकों को कुनबी (अन्य पिछड़ा वर्ग) जाति का प्रमाणपत्र जारी किया जाए. उनका कहना है, 'सरकार की ओर से मराठवाड़ा के संभागीय आयुक्त मुझसे मिलने आए लेकिन मैंने अपनी मांग दोहराई कि मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत आरक्षण दिया जाए. जरांगे और उनके साथी इस बार मुंबई में अनशन पर बैठने वाले हैं.

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पुणे पुलिस के मुताबिक, शिक्रापुर में ही मनोज जरांगे के साथ लगभग 750 गाड़ियां चल रही थीं और 15 हजार से ज्यादा लोग इस मार्च में शामिल थे. मनोज जरांगे पाटिल ने सभी मराठा नागरिकों से अपील की है कि वे भी साथ आएं. बता दें कि मनोज जरांगे और उनके साथ चल रहे प्रदर्शनकारी मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे से होकर मुंबई जाना चाहती है जबकि पुलिस उन्हें पुणे-मुंबई के बीच बने पुराने हाइवे से भेजना चाहती है.

20 जनवरी से शुरू हुआ है मार्च
बता दें कि मनोज जरांगे ने सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय को आरक्षण दिए जाने की मांग के साथ 20 जनवरी को जालना जिले में अपने गांव अंतरवाली सराती से मुंबई तक मार्च निकाला है. हजारों समर्थक रास्ते में मार्च में शामिल हो रहे हैं और यह भीड़ बढ़ती जा रही है. अदालत ने यह आदेश गुणरतन सदावर्ते द्वारा दायर एक याचिका पर पारित किया गया, जिन्होंने अतीत में मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार के पहले के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था. इस याचिका में उन्होंने जारांगे के शहर में प्रवेश पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि इससे कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है. बेंच ने जरांगे को नोटिस जारी किया है और मामले में अगली सुनवाई के लिए 14 फरवरी की तारीख तय की है.

सरकार की ओर से पेश लोक अभियोजक हितेन वेनेगांवकर और महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने कहा कि अगर अदालत उचित समझे तो वह इस मार्च को रोक सकती है. जरांगे ने घोषणा की है कि प्रदर्शनकारी उस समय तक दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में धरना देंगे जब तक कि सरकार उनकी मांग पूरी नहीं कर देती. सराफ ने अदालत से कहा कि वे कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य भी चिंतित है क्योंकि बड़ी संख्या में लोग मुंबई की ओर मार्च कर रहे हैं.

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