मराठा आंदोलनकारियों ने शरद पवार का काफिला रोका, मनोज जरांगे के समर्थन में लगाए नारे

Written By रईश खान | Updated: Aug 12, 2024, 12:31 AM IST

Sharad Pawar

आंदोलनकारियों ने शरद पवार से पूछा, 'आप लंबे समय से मराठा समुदाय के लिए मराठा आरक्षण का समर्थन करने की बात कर रहे हैं. लेकिन सार्वजनिक रूप अपने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया.'

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता शरद पवार को रविवार को अलग-अलग जगहों पर मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों के आक्रोश का सामना करना पड़ा. आंदोलनकारियों ने सोलापुर जिले में उनकी गाड़ी को रोककर नारेबाजी की और बर्शी कस्बे में रैली को संबोधित करते समय उन्हें काले झंडे दिखाए.

'मराठा आरक्षण' के नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने कुर्दुवाड़ी गांव के पास शरद पवार की कार रोककर उनसे आरक्षण के मुद्दे पर रुख स्पष्ट करने को कहा. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पवार को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्होंने आरक्षण का समर्थन किया है, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह इस मुद्दे पर अपनी बात नहीं कह रहे हैं.

'मराठा आरक्षण पर अपना रूख करें साफ'
एक प्रदर्शनकारी ने पवार से पूछा, 'आप लंबे समय से मराठा समुदाय के लिए आरक्षण का समर्थन करने की बात कर रहे हैं. आप इस मुद्दे पर अपना रुख सार्वजनिक रूप से क्यों नहीं बताते?' इसके कुछ घंटे बाद कुछ युवक बार्शी कस्बे में शरद पवार के रैली स्थल पर पहुंच गए. जहां उन्होंने मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे के समर्थन में नारे लगाए.

शरद पवार जब भाषण दे रहे थे, तब युवकों ने काले झंडे भी दिखाए. घटना की पुष्टि करते हुए सोलापुर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पवार की रैली में चार युवकों ने जरांगे के समर्थन में नारे लगाए. सुरक्षा कर्मियों और पुलिसकर्मियों ने उन्हें काबू किया और हिरासत में लेकर थाने ले गए. रैली को संबोधित करते हुए पवार ने किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आश्वासन पर कटाक्ष किया और दावा किया कि भाजपा शासन में किसानों की आत्महत्या की घटनाएं दोगुनी हो गई हैं.

OBC श्रेणी में शामिल करने की मांग
मनोज जरांगे सभी कुनबी (कृषक) और उनके “ऋषि सोयरे” (रक्त संबंधियों) को मराठा के रूप में मान्यता देने के लिए ओबीसी प्रमाण पत्र की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं. फरवरी में महाराष्ट्र विधानसभा ने शिक्षा व सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला एक विधेयक पारित किया था, लेकिन जरांगे मराठाओं को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. (इनपुट- भाषा)

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