'सुबह 11 बजे तक का टाइम', मराठा आरक्षण पर मनोज जारांगे ने शिंदे सरकार को दिया अल्टीमेटम

रईश खान | Updated:Jan 27, 2024, 12:27 AM IST

Maratha Reservation Protest

Maratha Reservation: मनोज जरांगे ने एकनाथ शिंदे सरकार से मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज किए गए सभी मामले वापस लेने की भी मांग की है.

डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे पाटिल ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे सरकार को शनिवार सुबह 11 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है. जरांगे ने सरकार से आज रात तक मराणा कोटा पर सरकारी प्रस्ताव जारी करने को कहा है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो प्रदर्शनकारी कल मुंबई के लिए कूच करेंगे और मुंबई पहुंच गए तो बिना रिजर्वेशन लिए वापस नहीं लौटेंगे.

नवी मुंबई आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे ने शिंदे सरकार से मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज किए गए सभी मामले वापस लेने की भी मांग की है. उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक वह अपना आंदोलन बीच में समाप्त नहीं करेंगे. जबकि महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने दावा किया कि कार्यकर्ता की मांगें स्वीकार कर ली गई हैं. सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मनोज जरांगे से चर्चा की थी. 

इस मीटिंग के बाद मनोज जरांगे ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें कुछ दस्तावेज दिए हैं, जिन पर वह अपने समर्थकों के साथ चर्चा करके अपनी भविष्य की रणनीति की घोषणा करेंगे. उन्होंने कहा कि जब तक आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक हम आंदोलन से पीछे हटने वाले नहीं हैं. सरकार जरांगे को मुंबई न जाने के लिए राजी करने की कोशिश कर रही है. राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने संवाददाताओं से कहा कि जरांगे की मांगें मान ली गई हैं और उन्हें सरकारी प्रक्रिया के अनुसार पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब तक 37 लाख कुनबी प्रमाण पत्र दिए जा चुके हैं और यह संख्या 50 लाख तक जायेगी.

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इससे पहले मनोज जरांगे हजारों समर्थकों के साथ शुक्रवार को नवी मुंबई पहुंचे. जरांगे और मराठा आरक्षण की मांग करने वाले अन्य कार्यकर्ता सुबह लगभग पांच बजे मोटरसाइकिल, कार, जीप, टेम्पो और ट्रक से मुंबई के बाहरी इलाके में कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) पहुंचे. पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार, जरांगे अपने समर्थकों के साथ आजाद मैदान में भूख हड़ताल शुरू करेंगे. प्रदर्शनकारी मराठा समुदाय के लिए कुन्बी (अन्य पिछड़ा वर्ग) दर्जे की मांग कर रहे हैं.

पुलिस ने नहीं दी भूख हड़ताल की अनुमति
मुंबई पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी कर शहर में भूख हड़ताल करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम ने मनोज जरांगे से नवी मुंबई में मुलाकात की. जरांगे अपने हजारों समर्थकों के साथ वाशी के एपीएमसी क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं और उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर मराठा समुदाय के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा सहित कई मांगें पूरी नहीं की गईं तो वह शनिवार से मुंबई के आजाद मैदान में धरना-प्रदर्शन के लिए मार्च करेंगे.

एक अधिकारी ने कहा कि मुंबई पुलिस की टीम में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (विशेष शाखा) वीरेंद्र मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (पूर्व) विनायक देशमुख और पुलिस उपायुक्त पुरुषोत्तम कराड शामिल थे. जरांगे और पुलिस टीम के बीच चर्चा का विवरण तुरंत उपलब्ध नहीं हो सका है. बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए जरांगे ने कहा कि मराठा आंदोलनकारी पुलिस के साथ सहयोग कर रहे हैं.

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