Maratha Reservation: मराठा आरक्षण आंदोलन खत्म, मनोज जरंगे पाटिल तोड़ा ने अनशन 

Written By स्मिता मुग्धा | Updated: Jan 27, 2024, 09:26 AM IST

Manoj Jarange Patil Ends Protest

Manoj Jarange Patil: मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जारंगे पाटिल ने अपना आंदोलन वापस लेने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अच्छा काम किया है. हमारा विरोध अब खत्म हो गया है. 

डीएनए हिंदी: मराठा आंदोलन के नाम पर सुलग रहे महाराष्ट्र में अब समाधान निकलता दिख रहा है. कैबिनेट मंत्री दीपक केसकर और मंगल प्रभात लोढ़ा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल मनोज जरांगे से देर रात मिलने के लिए पहुंचा था. बताया जा रहा है कि इसके बाद जरांगे ने आंदोलन वापस लेने का फैसला कर लिया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी शनिवार को जरांगे से मिलने के लिए पहुंच रहे हैं. जरांगे ने आंदोलन वापस लेने का ऐलान करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हमारी सारी मांगें मान ली हैं. वह अच्छा काम कर रहे हैं और हम उनके उठाए कदमों से संतुष्ट हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को अवैध करार दिया था जिसके बाद से इसे फिर से बहाल करने के नाम पर राज्य में जमकर बवाल हुआ.  

मराठा आरक्षण के नेतृत्वकर्ता मनोज जरांगे ने कहा कि हमारी सभी मांगें मान ली गई हैं और हम आंदोलन वापस ले रहे हैं. अनशन खत्म का ऐलान करते हुए जरांगे ने कहा कि यह हमारे हक के लिए संघर्ष है. हम आज भी अपने मूल आदर्शों पर कायम हैं. महाराष्ट्र सरकार ने भी सु्प्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए संवैधानिक विकल्पों पर विचार करने का आश्वासन दिया है. महाराष्ट्र की सभी प्रमुख पार्टियों का मराठा आरक्षण के लिए समर्थन का रुख है लेकिन कोर्ट के फैसले ने उनके हाथ बांध दिए हैं. 

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अनशन तोड़ने के बाद कार्यकर्ताओं को किया संबोधित 
अनशन तोड़ने के बाद पाटिल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. पाटिल के आंदोलन खत्म करने के ऐलान के साथ ही कार्यकर्ताओं में जोश देखने को मिला और जमकर जश्न मनाया. पाटिल ने इस दौरान ज्यादा कुछ नहीं कहा लेकिन सिर्फ यही बोले कि मराठा हितों की रक्षा के लिए हमारा संघर्ष चलता रहेगा. महाराष्ट्र की राजनीति में आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में आरक्षण का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है.

जरांगे ने सरकार के सामने रखी थी कई मांगें 
मनोज जरांगे ने आंदोलन वापस लेने से पहले कुछ मांगें रखी थीं. उन्होंने अंतरावली सहित महाराष्ट्र में आंदोलन में शामिल कार्यकर्ताओं पर दर्ज मामले वापस लेने की मांग की थी. इसके अलावा, आरक्षण पर फैसला आने तक मराठा समुदाय के बच्चों के लिए शिक्षा फ्री की जाने की भी उन्होंने मांग की थी. सरकारी भर्ती में मराठाओ के लिए रिजर्व कोटा रखने की भी मांग उन्होंने की थी. जरांगे ने कहा कि सरकार के साथ सहमति बन गई है. 

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