डीएनए हिंदी: मराठा रिजर्वेशन के लिए चल रहे प्रदर्शन सोमवार को हिंसा में बदल गए. प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में आगजनी की घटनाएं हुई हैं. बीड जिले में मराठा आरक्षण को लेकर चल रहा आंदोलन हिंसक हो गया और प्रदर्शनकारियों ने नेताओं के घरों में आग लगा दी. राज्य ट्रांसपोर्ट की बसों में तोड़फोड़ के बाद जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है. इंटरनेट पर भी रोक लगा दिया गया है और पुलिस की ओर से लोगों से घरों से बाहर नहीं निकलने की ताकीद की गई है. बीड-छत्रपति संभाजीनगर रोड पर एक होटल में भी आग लगा दी गई थी. आगजनी की घटनाओं को देखते हुए कलेक्टर दीपा मुधोल मुंडे ने जिले में कर्फ्यू लगा दिया है. बीड जिले में मराठा समुदाय को तत्काल आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से प्रदर्शन हो रहे हैं.
बीड जिले में मराठा आरक्षण तत्काल देने की मांग को लेकर जिले के अलग-अलग हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन और भूख-हड़ताल किया जा रहा है. कोर्ट के आदेश पर आरक्षण रद्द कर दिया गया है और इसके बाद से पूरे प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में रिजर्वेशन फिर से दिए जाने की मांग जोर पकड़ रही है. सोमवार को बीड में प्रदर्शन ने उग्र रूप धर लिया और प्रदर्शनकारियों ने मार्च करते हुए सरकारी दफ्तर बंद करा दिया. नगर निगम के दफ्तर में भी तोड़फोड़ की गई थी.
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सोमवार को जबरन बंद कराए गए दफ्तर
रविवार को ही कुछ छिटपुट हिंसक घटनाएं हुई थीं लेकिन छुट्टी का दिन होने की वजह से प्रदर्शन की आंच दफ्तरों तक नहीं पहुंची थी. सोमवार को दफ्तर तक प्रदर्शनकारी पहुंच गए और उन्हें बंद कराया गया. एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके, विधायक संदीप क्षीरसागर, जयदत्त क्षीरसागर के बंगले में आग लगा दी गई. शहर के ज्यादातर बाजार भी प्रदर्शन को देखते हुए ठीक से नहीं खुले और स्कूल-कॉलेजों में भी पढ़ाई ठप ही रही. तनाव बढ़ता देख कर्फ्यू लगा दिया गया है.
मराठा आरक्षण प्रदेश की राजनीति में बन गया है बड़ा मुद्दा
मराठा आरक्षण ऐसा मुद्दा है जिस पर प्रदेश में कोई भी राजनीतिक दल खुलकर स्टैंड नहीं ले पा रही हैं. सैद्धांतिक तौर पर प्रदेश की कोई भी बड़ी पार्टी इसका विरोध नहीं कर रही है. फिलहाल एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना और बीजेपी सरकार में हैं. कोर्ट का आदेश होने की वजह से सरकार के हाथ बंध गए हैं. दूसरी ओर विपक्षी दलों को आरक्षण के तौर पर लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए भी बीजेपी को घेरने का एक मुद्दा जरूर मिल गया है.
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