शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह (Captain Anshuman Singh) की पत्नी स्मृति सिंह (Cpt Anshuman Singh wife Smriti Singh) इस समय चर्चा में हैं. हाल ही में स्मृति की एक तस्वीर पर एक यूजर ने भद्दा कमेंट किया था, जिसको लेकर आज पूरा देश शर्मसार है. इस मामले के लेकर खूब बवाल भी मच रहा है. मामले का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखते हुए शख्स के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की थी. दिल्ली पुलिस ने भी ऐक्शन लेते हुए शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. 1 जुलाई से लागू हुए नए कानून के हिसाब से पीएस स्पेशल सेल में धारा 79, भारतीय न्याय संहिता 2023 और आईटी अधिनियम 2000 की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू कर दी है.
उत्तर प्रदेश के देवरिया के शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह को हाल में ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया था. उनका ये सम्मान लेने के लिए कैप्टन की पत्नी गई थी. इसकी एक फोटो सामने आई. इसी तस्वीर पर एक व्यक्ति ने अभद्र टिप्पणी की थी. इसको लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग एक्शन मोड में आया है. आपको बताते हैं स्मृति सिंह के बारे में सबकुछ.
कौन हैं स्मृति सिंह
स्मृति सिंह भारतीय सेना के शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह की विधवा पत्नी हैं. स्मृति फिलहाल अपने शहीद पति के माता-पिता के साथ उसी घर में रहती हैं. स्मृति सिहं ने इंजीनियरिंग में डिग्री ली है. एक इंटरव्यू के दौरान स्मृति ने बताया कि कॉलेज के पहले दिन वो और अंशुमन मिले थे.
उन्होंने कहा 'मैं ज्यादा ड्रामेटिक नहीं बनूंगी, लेकिन ये पहली नजर का प्यार था. एक महीने बाद अंशुमान का सलेक्शन सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय (AFMC) में हो गया था.'
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शहीद कैप्टन अंशुमान और स्मृति की लव स्टोरी
स्मृति ने बताया 'चूंकि हमें पहली नजर में ही प्यार हो गया था इसलिए हम 8 सालों तक लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में रहे. फिर कुछ समय बाद हमने शादी करने का फैसला किया और फरवरी साल 2023 में हमने शादी कर ली थी. शादी के ठीक दो महीने बाद अंशुमान की पोस्टिंग सियाचिन में हो गई थी, जहां 19 जुलाई को लोगों को भीषण आग से बचाते हुए अंशुमान शहीद हो गए.'
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इसके बाद बेहद दुखद मन से स्मृति ने बताया कि अंशुमान की मौत से ठीक एक दिन पहले उन्होंने बात की थी. स्मृति ने कहा 'आने वाले 50 साल बाद हमारा जीवन कैसा होगा इस बारे में हमने बात की. हमारा अपना घर होगा, हमारे बच्चे होंगे और काफी कुछ होगा. लेकिन अगले ही दिन सुबह जैसे ही मैं उठी तो मुझे फोन आया कि वह अब नहीं रहे.' इस सदमें से वो और उनका परिवार आज भी नहीं उभर पाया है.
उन्होंने कहा 'खबर मिलने के बाद 7 से 8 घंटों तक हम समझ ही नहीं पाए कि ये हमारे साथ क्या हो गया. हम इस सच्चाई को स्वीकार नहीं पा रहे थे कि ऐसा भी कुछ हुआ था. आज भी मैं यही समझने की कोशिश कर रही हूं कि शायद ये सच नहीं है. अब कीर्ति चक्र लेते समय भी मैं अपने आप को समझाने की कोशिश कर रही हूं.'
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