Shri Krishna Janmbhoomi: आज मथुरा की अदालत में होगी सुनवाई, जानें श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद विवाद में अब तक क्या-क्या हुआ?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 13, 2022, 07:05 AM IST

मथुरा सिविल कोर्ट ने विवादित स्थल का सर्वे कराने का आदेश दिया है.

Shri Krishna Janmbhoomi: श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही मस्जिद विवाद (Shahi Masjid Case) में आज मथुरा की अदालत में सुनवाई होगी.  

डीएनए हिंदीः श्रीकृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmbhoomi) और शाही मस्जिद विवाद (Shahi Masjid Case) मामले में आज यानी मंगलवार को मथुरा की जिला कोर्ट में सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई में इस मामले में पुनरीक्षण याचिका को स्थगित कर दिया गया था. कोर्ट ने तब इस मामले में सुनवाई के लिए 13 सितंबर की डेट दी थी.  

क्या है विवाद जन्मभूमि विवाद? 
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद 13.37 एकड़ भूमि के मालिकाना हक से संबंधित है. इसमें से 10.9 एकड़ जमीन कृष्ण जन्मस्थान के पास है और बाकी 2.5 एकड़ जमीन ईदगाह मस्जिद के पास है. हिन्दू पक्ष का दावा है कि औरंगजेब ने मंदिर को तुड़वाकर ईदगाह मस्जिद का निर्माण करवाया था. इतिहास में दर्ज घटनाओं के अनुसार इस जगह पर कई बार मंदिर को तोड़ा और बनाया गया है. हालांकि मस्जिद का निर्माण औरंगजेब ने ही करवाया था. कोर्ट में दाखिल याचिका में पूरी जमीन लेने और श्री कृष्ण जन्मभूमि के बराबर में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है.

याचिकाकर्ता ने विवादित स्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराने की भी  मांग की थी. निचली अदालत में ये मामला लंबित है. लगातार देरी होने के चलते याचिकाकर्ता मनीष यादव ने हाईकोर्ट का रूख किया. मनीष ने हाईकोर्ट में भी यही मांग की. इसके बाद कोर्ट ने निचली अदालत से आख्या मांगी. इसी मामले में हाईकोर्ट में 29 अगस्त को सुनवाई हुई. कोर्ट ने मंदिर पक्ष की ओर से निचली अदालत में दाखिल अर्जी पर चार महीने में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया है.  

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हुआ था समझौता
बता दें कि 12 अक्तूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ एक समझौता किया. भारत के उद्योगपतियों के एक संघ जिसमें रामकृष्ण डालमिया, हनुमान प्रसाद पोद्दार और जुगल किशोर बिड़ला शामिल थे, ने जमीन खरीदी और श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट का निर्माण करते हुए यहां भव्य केशवदेव मंदिर का निर्माण किया. तब समय के साथ ट्रस्ट ने पड़ोसी ईदगाह के साथ इस मुद्दे को सुलझा लिया गया और मस्जिद के हिस्से की जमीन ईदगााह को दे दी. पूरा विवाद इसी 13.37 एकड़ जमीन को लेकर है.  

अब क्या है मामला?
अब जो मामले कोर्ट में गए हुए हैं, वो इसी समझौते के खिलाफ है. याचिकाकर्ता रंजना अग्निहोत्री, विष्णु शंकर जैन आदि की ओर इसी समझौते पर सवाल उठाया गया है. उनका कहना है कि ट्रस्ट को कोई अधिकार ही नहीं था कि वो ऐसा कोई समझौता करे. याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि इस समझौते की कोई कानूनी वैधता नहीं है. हिन्दू पक्ष का दावा है कि उसका इस पूरे 13.37 एकड़ पर अधिकार है जो उसे मिलना चाहिए क्योंकि इसी जमीन पर उनके इष्टदेव भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था, इसलिए इस जमीन पर उनका ही अधिकार होना चाहिए.  

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