डीएनए हिंदी: पिछले कुछ दिनों से अटकलें लगाई जा रही थीं कि बीएसपी लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन का हिस्सा बन सकती है. 15 जनवरी को अपने बर्थडे के दिन मायावती ने उन सारी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा है कि उनकी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी. उन्होंने इस दौरान अखिलेश यादव और बीजेपी पर जमकर तंज भी कसे. उ बीएसपी सुप्रीमो ने सपा प्रमुख को गिरगिट कहा तो केंद्र सरकार की फ्री राशन स्कीम को गुलामी का औजार बताया. कुछ ही दिन पहले अपने भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी भी घोषित किया है. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि बीएसपी को किसी पार्टी के साथ गठबंधन की जरूरत नहीं है.
जन्मदिन के मौके पर मीडिया से बात करते हुए मायावती ने कहा कि हम लोकसभा चुनाव अकेले इसलिए लड़ते हैं क्योंकि हमारी पार्टी की कमान एक दलित के हाथों में हैं. हमने फैसला लिया है कि इस बार लोकसभा चुनाव में किसी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. गठबंधन करने पर हमारा वोट तो उन्हें मिलता है लेकिन उन पार्टियों का वोट, खास तौर पर सवर्ण वोट हमारी पार्टी को नहीं मिलता है. लोकसभा चुनाव में इस बार हमें 2007 के विधानसभा चुनावों जैसी सफलता मिलेगी.
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'बहुत सी पार्टियां हमारे साथ करना चाहती है गठबंधन'
मीडिया से बात करते हुए बीएसपी चीफ ने कहा कि कई पार्टियां हमारे साथ गठबंधन करना चाहती है लेकिन हमने तय किया है कि हम किसी भी अलायंस में नहीं जाएंगे. जन्मदिन के मौके पर उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि उनका बर्थडे गिफ्ट यही होगा कि सब पूरी मेहनत से लोकसभा चुनाव लड़ें और अच्छे नतीजे लाकर दें. इसके अलावा, उन्होंने कार्यकर्ताओं और मीडिया से कहा कि राजनीति से मेरे संन्यास लेने की अफवाह उड़ाई जा रही है. इस पर किसी को भी ध्यान देने की जरूरत नहीं है.
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बीएसपी के लिए लोकसभा चुनाव बड़ी चुनौती
पिछले लोकसभा चुनाव में बीएसपी और समाजवादी पार्टी ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था और 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी. हालांकि, उसके बाद हुए विधानसभा और निकाय चुनाव में पार्टी अकेले ही उतरी और दोनों में ही बुरी तरह से हार मिली है. विधानसभा चुनाव में बीएसपी को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली है. माना जा रहा था कि बीएसपी भी इंडिया गठबंधन में शामिल हो सकती है लेकिन अब इन सारी अटकलों पर विराम लग गया है.
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