Vice President Election: मायावती की पार्टी करेगी इस प्रत्याशी का समर्थन, ट्वीट कर बताई वजह

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 03, 2022, 09:10 AM IST

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती

BSP की मुखिया मायावती ने उपराष्ट्रपति चुनाव में जगदीप धनखड़ का समर्थन करने का ऐलान किया है. उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.

डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की चीफ मायावती ने उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी जगदीप धनखड़ का समर्थन करने का ऐलान किया है. इसकी जानकारी उन्होंने बुधवार सुबह ट्वीट कर दी. मायावती ने ट्वीट कर कहा, "सर्वविदित है कि देश के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में सत्ता व विपक्ष के बीच आम सहमति ना बनने की वजह से ही इसके लिए फिर अन्ततः चुनाव हुआ. अब ठीक वही स्थिति बनने के कारण उपराष्ट्रपति पद के लिए भी दिनांक 6 अगस्त को चुनाव होने जा रहा है. बीएसपी ने ऐसे में उपराष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में भी व्यापक जनहित व अपनी मूवमेंट को भी ध्यान में रखकर श्री जगदीप धनखड़ को अपना समर्थन देने का फैसला किया है तथा जिसकी मैं आज औपचारिक रूप से घोषणा भी कर रही हूं."

उपराष्ट्रपति चुनाव में जगदीप धनखड़ vs मार्गरेट अल्वा
उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में एनडीए की तरफ से जगदीप धनखड़ को मैदान में उतारा गया है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की तरफ से मार्गरेट अल्वा मुकाबले में हैं. इन दोनों ही प्रत्याशियों के बीच में कई समानताएं हैं. दोनों राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और दोनों की पृष्ठभूमि कांग्रेस से जुड़ी रही है. धनखड़ और अल्वा दोनों ने ही कानून की पढ़ाई की है और दोनों का राजस्थान से भी नाता रहा है. भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार धनखड़ (71) राजस्थान के मूल निवासी हैं, जबकि विपक्ष की उम्मीदवार अल्वा (80) राजस्थान की राज्यपाल रही हैं.

भाजपा में शामिल होने से पहले जनता दल और कांग्रेस में रहे धनखड़ ने राजस्थान उच्च न्यायालय और फिर उच्चतम न्यायालय में वकालत की, जबकि अल्वा के पास व्यापक विधायी अनुभव है. अल्वा चार बार राज्यसभा सदस्य रह चुकी हैं और केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार के दौरान वह उत्तराखंड और राजस्थान की राज्यपाल रहीं. वह राजीव गांधी और पी वी नरसिंह राव के नेतृत्व वाली सरकारों में मंत्री भी रही थीं. जगदीप धनखड़ अल्पकालिक चंद्रशेखर सरकार में मंत्री रहे थे. वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिर से सत्ता में आने के बाद उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया था. 

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