'S GROUP नाम से कंपनी, 1 करोड़ का रेट' MBBS में एडमिशन के नाम पर फर्जीवाड़ा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 26, 2023, 12:18 PM IST

MBBS admission fraud

UP Crime News: पुलिस ने बताया कि आरोपी टेलीकॉलरों के माध्यम से NEET पास छात्रों के परिजनों से संपर्क करते थे. फिर प्रमुख कॉलेजों में MBBS में एडमिशन दिलाने के नाम पर डील की जाती थी.

डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एमबीबीएस में एडमिशन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया है. आरोपी शशि कुमार सिंह मूल रूप से बिहार का रहने वाला है. आरोपी शशि प्रमुख कॉलेजों में एमबीबीएस में एडमिशन दिलाने की बात करता था और इसके एवज में छात्रों से 50 लाख से 1 करोड़ रुपये वसूलता था. पुलिस आरोपी के टीम के अन्य साथियों की तलाश कर रही है.

डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत ने बताया कि उन्हें शिकायत मिली थी कि शहर में MBBS एडमिशन दिलाने के नाम पर एक फर्जीवाड़ा चल रहा है. सूचना के आधार एडीसीपी पूर्वी सैय्यद अली अब्बास ने बुधवार को गोमतीनगर स्टेशन के पास से शशि कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में शशि ने बताया कि उन्होंने S GROUP नाम से एक कंपनी खोल रखी है. वह राजीव सिंह उर्फ प्रेम प्रकाश के साथ मिलकर उन छात्रों का पता लगाता था जिन्होंने NEET परीक्षा पास कर ली होती थी. इसमें उसका सगा भाई अशोक कुमार भी मदद करता था.

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चेक और RTGS के माध्यम से लेते थे पैसे
इसके बाद टेलीकॉलरों के माध्यम से छात्रों के परिजनों से संपर्क किया जाता था और प्रमुख कॉलेजों में MBBS में एडमिशन दिलाने की बात कहते थे. जो परिजन इसके लिए राजी हो जाते उनसे 50 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक की डिमांड की जाती. इस रकम को वह चेक और RTGS के माध्यम से सरस्वती अम्मल चैरिटेबल ट्रस्ट, सनाका एजेकेशनल और S GROUP में ट्रांसफर करा लेते थे. जब तक उनके फ्रॉड के बारे में लोग समझ पाते उससे पहले ही वह ऑफिस बंद कर दूसरी जगह शिफ्ट हो जाते थे.

जेल में हुई थी मुलाकात
एडीसीपी पूर्वी सैय्यद अली ने बताया कि शशि के भाई अशोक कुमार उर्फ ऋषि सिंह को एक दिन पहले गिरफ्तार किया गया था. उसने ही शशि और राजीव के बारे में खुलासा किया था. अशोक हत्या के मामले में जेल जा चुका है. जेल में उसकी मुलाकात गैंग के सरगाना राजीव सिंह से हुई. जेल से झूटने के बाद अशोक कंपनी बनाकर ठगी करने लगा और अपना नाम बदलकर ऋषि सिंह रख लिया. इस काम में ऋषि ने अपने भाई शशि को भी शामिल कर लिया. दोनों को लखनऊ की जिम्मेदारी मिली. पुलिस फिलहाल इस गैंग से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है.

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