रूस में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए विदेश मंत्रालय (MEA) लगातार कोशिश कर रहा है. नौकरी का वादा करके भारतीय युवकों को रूस (Indians Trapped In Russia) भेजने वाले एजेंटों पर भारत सरकार ने सख्त रूख दिखाया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे धोखेबाजों पर कार्रवाई होगी और इन्हें बख्शा नहीं जाएगा. विदेश में नौकरी का झांसा देकर प्राइवेट वीजा कंसल्टेंसी कंपनियों ने कई भारतीय युवाओं को रूस-यूक्रेन युद्ध में लड़ाई के लिए भेज दिया था. कुछ दिन पहले ही इन फंसे हुए भारतीयों का मामला दुनिया के सामने आया है.
रूस (Russia) में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए विदेश मंत्रालय एक्टिव है. इसके अलावा, इस मामले में CBI ने अब तक 7 राज्यों में कुल 13 लोकेशन पर छापेमारी की है. सीबीआई के सामने अब तक दिल्ली वाली वीजा कंसल्टेंसी कंपनी से 180 भारतीय युवाओं को रूस भेजने की पुष्टि हुई है. इस एंगल से भी जांच की जा रही है कि इन युवाओं में से कितनों को फ्रंट लाइनर्स के तौर पर युद्ध लड़ने के लिए भेजा गया था.
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भारत सरकार की ओर से जारी की गई सतर्कता अपील
भारत सरकार ने रूस के सामने भारतीय लोगों के फंसे होने का मुद्दा उठाया है. इन सभी लोगों की जल्द रिहाई के लिए कोशिश की जा रही है. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय नागरिकों से अपील है कि वे रूसी सेना के साथ सपोर्ट जॉब या नौकरी के ऐसे दूसरे प्रलोभन देने वाले एजेंटो के बहकावे में नहीं आएं. यह जोखिम से भरा है और इसमें जान का खतरा है.
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