Mehbooba Mufti की अपील- बंदूक न उठाएं कश्मीर के युवा, आपको मारकर सेना को पैसे मिलते हैं

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 26, 2022, 07:01 AM IST

महबूबा मुफ्ती ने लगाए गंभीर आरोप

Mehbooba Mufti Latest Statement: महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर के युवाओं से अपील की है कि वे हथियार न उठाएं. उन्होंने आरोप लगाए हैं कि जम्मू-कश्मीर की नौकरियां सेल पर हैं.

डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने युवाओं से अपील की है कि वे बंदूक न उठाएं. महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाए हैं कि कश्मीर के युवाओं को मारकर सेना के जवानों को पैसे मिलते हैं. केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को आड़े हाथ लेते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की नौकरियों को सेल पर लगा दिया गया है और सभी कामों के ठेके कश्मीर से बाहर के लोगों को दिए जा रहे हैं. 

पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'हमारी नौकरियां सेल पर रख दी गई हैं. हमारी जमीनें प्राथमिकता के आधा पर सुरक्षाबलों को दी जाती हैं. सभी छोटे-बड़े ठेके बाहरियों के दिए जा रहे हैं. जम्मू AIIMS और कश्मीर AIIMS के ठेके भी बाहरी लोगों को दिए गए हैं. जम्मू-कश्मीर के लोगों को कमजोर करने के हर प्रयास किए जा रहे हैं.'

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'कश्मीरी पंडितों पर न हों हमलें'
महबूबा मुफ्ती ने एक हालिया एनकाउंटर का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं युवाओं और उनके परिवार से अनुरोध कर रही हूं कि वे बंदूक न उठाएं. सेना के लोगों को आपको मारने पर पैसा मिलता है. मैं उनसे अनुरोध करती हूं कि वे बंदूक न उठाएं. मैं मौलवियों से अनुरोध करती हूं के वे ऐलान करें कि पंडित हमारे रिसोर्स हैं, उन पर इतने हमले नहीं होने चाहिए.'

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उन्होंने आगे कहा, 'शोपियां में एक सुमो में धमाका हुआ. उन्होंने कार के ड्राइवर शौकत अहमद शेख को गिरफ्तार किया और कस्टडी में ले लिया. 10 दिन बाद उसे कुपवाड़ा में एक एनकाउंटर में मार दिया गया लेकिन कस्टडी से निकलकर वो वहां पहुंच गया?'

स्कूलों को बंद करने पर उठाए सवाल
मुफ्ती ने आगे कहा, 'मदरसे कम फीस में आधुनिक शिक्षा देते हैं. वे हथियारों की ट्रेनिंग नहीं दे रहे हैं. सरकारी जमीनों पर बने स्कूलों को भी क्यों बंद किया जा रहा  है? टीचर तो बेसहारा रह जाएंगे वे बच्चों की शिक्षा को आगे ले जाना चाहते हैं.' महबूबा मुफ्ती सरकार के उस फैसले पर सवाल उठी रही थीं जिसके बाद जम्मू-कश्मीर के सैकड़ों स्कूलों को बंद कर दिया गया.

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