PoK वापस लाने के लिए Amit shah को महबूबा मुफ्ती की सलाह, कहा-आपमें हिम्मत है

Written By सुमित तिवारी | Updated: Jul 27, 2024, 11:38 PM IST

महबूबा मुफ्ती ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को जम्मू कश्मीर (PoK) को वापस लाने के लिए के लिए सलाह दी है. महबूबा ने शाह से कहा कि राष्ट्र के हित में वह अपना अहंकार त्याग दें.

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के 25वें स्थापना दिवस समारोह में महबूबा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जम्मू कश्मीर (PoK) को वापस लाने के लिए के लिए सलाह दी है. महबूबा मुफ्ती ने शाह से शनिवार को क्षेत्र के मुद्दों पर चर्चा के लिए जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के दोनों ओर के लोगों के प्रतिनिधियों की एक समिति बनाने का आह्वान किया.

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि गृहमंत्री अमित शाह को जम्मू-कश्मीर के दोनों ओर के जनप्रतिनिधियों की एक संयुक्त समिति बनाने का प्रयास करना चाहिए ताकि "जब तक आप उस हिस्से को वापस लेते हैं" तब तक क्षेत्र से जुड़े समस्याओं पर चर्चा हो सके. महबूबा ने यह बात पीडीपी के 25वें स्थापना दिवस समारोह पर कही है 

उन्होंने कहा, 'अमित शाह कहते हैं कि वह कश्मीर (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) वापस लाएंगे, जबकि आप हम मुसलमानों से कहते हैं कि पाकिस्तान चले जाओ.'  पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, "हालांकि मेरा आपसे एक अनुरोध है. जब तक आप उस हिस्से को वापस नहीं लाते, तब तक इस कश्मीर और उस कश्मीर के प्रतिनिधियों की एक समिति बनाइए तथा हमें साथ लाइए. हम साल में दो बार एक साथ बैठेंगे और हमारे समक्ष जो समस्याएं हैं उन पर चर्चा करेंगे." 

उन्होंने शाह से कहा कि राष्ट्र के हित में वह अपना अहंकार त्याग दें और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के दोनों ओर के लोगों के प्रतिनिधियों की बैठक कराएं जैसा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यकाल के दौरान किया था. 

महबूबा ने कहा, "क्या आपमें हिम्मत है अमित शाह साहब? आप कहते रहते हैं कि आप उस कश्मीर को वापस लाएंगे. वह कश्मीर बहुत दूर है, उनके 20 प्रतिनिधि और हमारे 20 प्रतिनिधि लाइए और हमें एकसाथ बैठने दीजिए." 

उन्होंने सवाल किया, "क्या आप ऐसा कर सकते हैं? क्या आपमें ऐसा करने की हिम्मत है? क्या आपमें वाजपेयी की तरह देशभक्ति है कि आप जम्मू कश्मीर के लिए अपने अहंकार का त्याग कर दें?"

महबूबा ने देशभर की जेलों में बंद कश्मीरी युवाओं को रिहा करने की भी मांग की. उन्होंने कहा, "अगर आप कहते हैं कि यहां हालात सुधर गए हैं तो हमारे युवा जेलों में क्यों हैं? अदालतों में उनके मामलों की सुनवाई नहीं होती. अगर हिम्मत है, हालात सुधर गए हैं तो उन्हें रिहा कर दीजिए."
इनपुट-भाषा

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.