16 साल से कम उम्र के बच्चे नहीं जाएंगे कोचिंग, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

Written By नीलेश मिश्र | Updated: Jan 19, 2024, 07:21 AM IST

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Coaching Institute Rules: शिक्षा मंत्रालय ने देशभर के कोचिंग संस्थानों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं.

डीएनए हिंदी: आईआईटी और मेडिकल की तैयारियां कराने वाली कोचिंग के गढ़ कहे जाने वाले कोटा समेत कई शहरों मे बच्चों के सुसाइड के मामले लगातार सामने आते हैं. बच्चों के मानसिक तनाव और डिप्रेशन में जाने की घटनाएं बेहद आम हो चुकी हैं. ऐसे में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने अब एक अहम कदम उठाया है. शिक्षा मंत्रालय ने अपने एक आदेश में कहा है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों का एडमिशन कोचिंग में नहीं होगा. अगर इस नियम का उल्लंघन किया जाता है तो सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी. उन कोचिंग संस्थानों के लिए इस आदेश को बड़ा झटका माना जा रहा है जहां 9वीं और 10वीं कक्षा से ही इंजीनियरिंग और मेडिकल की कोचिंग के बैच चलाए जाते हैं.

शिक्षा मंत्रालय की ओर से कोचिंग के रजिस्ट्रेशन, उनके मैनेजमेंट, स्टूडेंट्स के एडमिशन, शिक्षकों की योग्यता, कोचिंग की इमारत में जरूरी चीजों और फीस को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं. साथ ही, यह भी स्पष्ट किया है कि इन नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना लगाया जाएगा और कुछ मामलों में कोचिंग का रजिस्ट्रेशन रद्द भी किया जा सकता है.

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क्या हैं नियम?
माना जा रहा है कि कोटा जैसे शहरों में सुसाइड के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए ये नियम बनाए गए हैं. नए नियमों के मुताबिक, कोचिंग संस्थान अब अच्छे नंबर या रैंक दिलाने की गारंटी जैसे भ्रामक प्रचार और वादे भी नहीं कर सकेंगे. साथ ही, कोई भी कोचिंग संस्थान 16 साल से कम उम्र के बच्चों को एडमिशन नहीं दे सकेगा. कोचिंग में आग लगने की घटनाओं, एडमिशन के समय किए गए वादों में धोखाधड़ी, सुविधाओं की कमी और आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बाद ये दिशा-निर्देश काफी अहम हो गए हैं.

इसमें कहा गया है, 'कोई भी कोचिंग किसी भी अंडर ग्रेजुएट टीचर को नियुक्त नहीं करेगा. रैंक या अच्छे नंबर की गारंटी वाले वादे नहीं किए जाएंगे. सिर्फ उन्हीं बच्चों का एडमिशन कोचिंग में लिया जा सकेगा जो माध्यमिक विद्यालय की परीक्षा पास कर चुके होंगे. कोचिंग की क्वालिटी या उसमें दी जाने वाली सुविधाओं के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किए जाने वाले दावों को लेकर भ्रामक विज्ञापन नहीं किए जा सकेंगे.'

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साथ ही, कोई भी कोचिंग संस्थान किसी ऐसे टीचर या व्यक्ति को नौकरी पर नहीं रखेगा जो किसी भी अनैतिक कदाचार या अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है. इन नियमों का पालन करने पर ही कोचिंग का रजिस्ट्रेशन हो सकेगा. इसके अलावा, बच्चों की मानसिक सेहत का ध्यान रखने के लिए मानसिक सलाहकार भी रखने होंगे और ऐसा माहौल बनाना होगा जिससे बच्चों को मानसिक दवाब न झेलना पड़े.

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