यूपी में विधानसभा के उपचुनाव होने वाले हैं. इस चुनाव को लेकर सभी पार्टियों की तरफ से जोर-शोर से तैयारियां हो रही हैं. यूपी उपचुनाव के जिन सीटों पर कांटे की टक्कर होने वाली है, उनमें से एक सीट मीरपुर का भी है. यहां पर NDA और INDIA गठबंधन के प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला है. इस सीट पर सबकी निगाहें मुस्लिम वोटरों की ओर बनी हुई हैं. सबसे खास बात ये है कि इस सीट पर चार बड़ी पार्टियों ने मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है.
मुस्लिम वोटों के बंटने से किसका होगा फायदा?
इनमें से आजाद समाज पार्टी से जाहिद हुसैन मैदान में उतरे हुए हैं, वहीं BSP से शाह नजर हैं, समाजवादी पार्टी की बात करें तो संबुल राणा मैदान में उतरी हुई हैं. साथ ही AIMIM से अरशद राणा को टिकट दिया गया है. NDA के प्रत्याशी इसे एक बेहतरीन मौके के तौर पर देख रहे हैं. जानकारों की माने तो एनडीए नेताओं को मुस्लिम वोटों का बंटवारा होने की पूरी उम्मीद है, जिसका फायदा इस चुनाव में वो उठाना चाहते हैं. एनडीए की तरफ से यहां से लोकदल ने मिथलेश पाल को मैदान में ऊतारा हुआ है.
NDA ने बनाया नया सियासी समीकरण
सियसी जानकारों के मुताबिक इस सीट पर मुसलमानों ने पिछले कई दशकों से सपा को ही वोट दिया है. पिछली बार इस सीट से सपा लोकदल गठबंधन के कैंडिडेट चंदन सिंह चौहान ने इस सीट से फतेह हासिल की थी. इस बार के सियासी समीकरण पहले से काफी अगल हैं. इस बार लोकदल बीजेपी के साथ एनडीए का हिस्सा है. आपको बताते चलें कि कि इस सीट पर करीब 3 लाख 25000 कुल वोटर्स हैं, जिनमें से करीब सवा लाख मुस्लिम हैं, इसलिए मुस्लिम मत इस सीट के लिए बेहद अहम हो जाता है.
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