डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश में विधान परिषद (UP Legislative Council) की पांच सीटों पर चुनाव हुए थे. इन पांच सीटों में से 4 पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बंपर जीत हासिल की है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली है. पांचवीं सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार आगे चल रहा है. विधान परिषद के 3 स्नातक क्षेत्रों और दो शिक्षक क्षेत्रों की सीटों पर चुनाव कराए गए थे. इन पांच सीटों के अंतर्गत प्रदेश के कुल 39 जिलों के मतदाता अपना वोट डालते हैं. इस जीत के साथ ही योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार ने विपक्षी समाजवादी पार्टी को एक बार फिर से जोरदार पटकनी दे दी है.
कुल पांच सीटों के लिए 63 उम्मीदवार मैदान में थे. चुनाव के लिए 234 जोनल और 594 सेक्टर मैजिस्ट्रेट तैनात किए गए थे. आपको बता दें कि स्नातक सीटों के लिए प्रदेश के ग्रेजुएट और शिक्षक सीटों के लिए प्रदेश के शिक्षक वोट डालते हैं. इन चुनावों में बीजेपी ने अपने पुराने विधान परिषद सदस्यों पर ही भरोसा जताया था. बीजेपी की यह रणनीति सही साबित होती दिख रही है.
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बीजेपी ने लगाया जीत का चौका
पांच में चार सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की है. इसमें बरेली-मुरादाबाद शिक्षक सीट पर बीजेपी के जयपाल सिंह को जीत मिली है. उन्नाव-कानपुर स्नातक एमएलसी सीट पर बीजेपी के अरुण पाठक जीत गए हैं. झांसी-इलाहाबाद शिक्षक सीट पर भी बीजेपी के बाबूलाल तिवारी चुनाव जीते हैं. इसके अलावा, गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक सीट पर बीजेपी के देवेंद्र सिंह जीत चुके हैं. कानपुर शिक्षक खंड सीट पर निर्दलीय राज बहादुर सिंह आगे चल रहे हैं.
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कैसे चुने जाते हैं विधान परिषद के सदस्य?
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्यों की संख्या 100 है. छह साल के लिए चुने जाने वाले उच्च सदन के सदस्यों को अलग-अलग श्रेणी में बांटा गया है. इनके चुनाव में मतदान करने वाले लोग भी अलग-अलग होते हैं. इसमें से 38 सदस्यों को विधानसभा के सदस्य चुनते हैं, 36 सदस्यों को स्थानीय निकायों के सदस्य चुनते हैं. 8-8 सदस्यों का चुनाव शिक्षक और ग्रेजुएट करते हैं. बाकी के 10 सदस्यों को राज्यपाल अपने विवेक के आधार पर नामित करते हैं.
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