Covid Test: अब सिर्फ आवाज से पता चल जाएगा कोरोना है या नहीं, जल्द लॉन्च होगा ऐसा मोबाइल ऐप

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 07, 2022, 02:11 PM IST

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कोविड को कंट्रोल करने की दिशा में ऐसा मोबाइल ऐप काफी कारगर साबित हो सकता है जो सिर्फ आवाज सुनकर बता देगा कि कोरोना है या नहीं.

डीएनए हिंदी: कोरोना (Corona) का खतरा 2 साल से ज्यादा समय बीतने के बाद भी कम नहीं हुआ है. जब लगता है कि अब खतरा कम है तभी संक्रमण के नए मामले सामने आने लगते हैं. ऐसे में जो उपाय सामने आते हैं उनमें सबसे पहला है मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी गाइडलाइंस का पालन करना. दूसरा है कि आपका वैक्सीनेशन पूरा हो. अब नेजल वैक्सीन को भी मंजूरी दी जा चुकी है. इस सबके बाद कोरोना से चल रही इस जंग में एक और खुशखबरी आई है. एक ऐसा ऐप बनाया गया है जो बस आवाज सुनकर ये बता देगा कि व्यक्ति को कोरोना है या नहीं. जानते हैं इससे जुड़ी पूरी डिटेल-

AI मॉडल पर काम करेगा ऐप
वैज्ञानिकों ने एक ऐसा स्मार्टफोन ऐप बनाया है जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के जरिए किसी भी व्यक्ति की आवाज से ही ये पता लगा लेगा कि उसे कोरोना है या नहीं. बताया जा रहा है कि इस ऐप में इस्तेमाल किया गया AI मॉडल रैपिड एंटीजेन टेस्ट से ज्यादा एकुरेट है. इसे इस्तेमाल करना भी आसान है, कीमत भी कम है और इसके नतीजे भी तुरंत आ जाते हैं. हाल ही में स्पेन के बार्सिलोना में आयोजित यूरोपियन रेस्पिरेट्री सोसाइटी इंटरनेशनल कांग्रेस में इस ऐप को पेश किया गया था.

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किसने बनाया है ये ऐप?
नीदरलैंड के Maastricht University के Institute of Data Science ने इसे बनाया है. शोधकर्ताओं का दावा है कि ये ऐप लोगों की आवाज सुनकर बताएगा कि उन्हें कोरोना हुआ या नहीं. इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI की मदद ली जाएगी. रिसर्चर टीम ने इसके एंटीजेन टेस्ट से ज्यादा बेहतर होने का दावा भी किया है. ऐप बनाने वाली टीम से जुड़े रिसर्चर Wafaa Aljbawi का कहना है कि इस ऐप के परिणाम बहुत उम्मीद देने वाले हैं. इस टेस्ट को करने में सिर्फ एक मिनट का समय लगेगा. भीड़भाड़ वाली जगहों पर इसका इस्तेमाल बहुत कारगर साबित हो सकता है.

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कैसे होगा कोरोना टेस्ट?
शोध में सामने आया कि कोविड से पीड़ित मरीज की आवाज थोड़ी बदल जाती है. आवाज में आए इसी बदलाव को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से कोरोना टेस्ट में इस्तेमाल किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐप की टेस्टिंग कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से लिए गए 4,352 नमूनों के आधार पर की गई है. फिलहाल इसे पूरी तरह लॉन्च होने में कुछ समय लग सकता है.

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