Divya Pahuja Murder Case Inside Story: गैंगस्टर से इश्क, एनकाउंटर और ब्लैकमेलिंग बने हत्या की वजह

अनुराग अन्वेषी | Updated:Jan 04, 2024, 02:55 PM IST

एआई जेनरेटेड मॉडल दिव्या पाहुजा हत्याकांड की फोटो.

Divya Pahuja Murder Case Inside Story: गुरुग्राम के होटल सिटी प्वाइंट के मालिक अभिजीत सिंह ने गुरुग्राम पुलिस के सामने कहा कि उसकी कुछ अश्लील तस्वीरें दिव्या पाहुजा के पास थीं. इन तस्वीरों के जरिए वह उसे ब्लैकमेल कर अक्सर पैसे वसूलती थी. इसी वजह से उसे रास्ते से हटाया गया.

डीएनए हिंदी. 2024 का महज एक दिन गुजरा था कि हरियाणा के गुरुग्राम में 2 जनवरी को मॉडल दिव्या पाहुजा की हत्या की खबर से सनसनी फैल गई. बता दें कि दिव्या पाहुजा की हत्या (Divya Pahuja Murder Case) गुरुग्राम के एक होटल के कमरे में गोली मारकर कर दी गई थी. गुरुग्राम के वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप नरुला के मुताबिक, गुरुग्राम पुलिस अभी तक दिव्या की लाश बरामद नहीं कर सकी है. हालांकि इस मामले में पुलिस ने 3 मुलजिमों को गिरफ्तार कर लिया है.
प्रदीप बताते हैं कि दिव्या पाहुजा हरियाणा के गैंगस्टर संदीप गाडोली की फर्जी मुठभेड़ मामले में 6 साल तक जेल में रही थी और पिछले साल जून में जमानत पर रिहा हुई थी. मु्ंबई में हुए गैंगस्टर हत्याकांड के समय दिव्या महज 18 साल की थी. 14 जुलाई 2016 को मुंबई पुलिस ने दिव्या को गिरफ्तार किया था.

मुलजिमों ने किए बड़े खुलासे

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिव्या की हत्या के आरोप में पुलिस ने होटल मालिक अभिजीत सिंह, होटल में काम करने वाले ओम प्रकाश और हेमराज को गिरफ्तार किया है. ओम प्रकाश और हेमराज ने दिव्या की लाश ठिकाने लगाने में मदद की थी. गिरफ्तार किए गए इन तीनों मुलजिमों ने पुलिस के सामने कई बड़े खुलासे किए हैं.

लाश ठिकाने लगाने के 10 लाख रुपए

पुलिस ने बताया कि होटल मालिक अभिजीत ने दिव्या की लाश ठिकाने लगाने के लिए साथियों को 10 लाख रुपये दिए थे. अभिजीत के दोनों साथी दिव्या की लाश नीले रंग के BMW कार की डिग्गी में रखकर ले गए थे. इस कार का नंबर DD03K240 था. ये पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हुई है.

ब्लैकमेलिंग का एंगल

इस वारदात के मुख्य आरोपी होटल मालिक अभिजीत सिंह ने पुलिस को बताया कि वह होटल सिटी प्वाइंट का मालिक है. उसने होटल लीज पर दे रखी है. यहीं दिव्या पाहुजा की हत्या की गई. अभिजीत सिंह ने गुरुग्राम पुलिस के सामने कहा कि उसकी कुछ अश्लील तस्वीरें दिव्या पाहुजा के पास थीं. इन तस्वीरों के जरिए वह उसे ब्लैकमेल कर अक्सर पैसे वसूलती थी.

संदीप गाडोली एनकाउंटर केस

दिव्या पाहुजा की हत्या के बाद गुरुग्राम के वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप नरुला गैंगस्टर संदीप गाडोली एनकाउंटर केस को याद करते हैं. उन्होंने बताया कि गुरुग्राम से मुंबई गई पुलिसकर्मियों की टीम संदीप गाडोली के फर्जी एनकाउंटर केस में फंसी रही है. दरअसल, दिव्या पाहुजा उस समय संदीप के साथ मुंबई में थी और उसी ने अपनी मां के जरिए हरियाणा पुलिसकर्मियों को संदीप के ठिकाने के बारे में बताया था. इसके बाद ही 6 फरवरी 2016 को छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक होटल में संदीप का एनकाउंटर हुआ था.

इसलिए बनी पुलिस इन्फॉर्मर

गैंगस्टर संदीप गाडोली फर्जी एनकाउंटर मामले में दिव्या पाहुजा को भी गिरफ्तार किया था. उस समय दिव्या गुरुग्राम में बीकॉम फर्स्ट ईयर की छात्रा थी और एक मॉडल के रूप में भी काम करती थी. प्रदीप नरुला ने बताया कि प्रेमिका होते हुए भी गैंगस्टर संदीप गाडोली के ठिकाने के बारे में दिव्या ने पुलिस को इसलिए बताया था कि संदीप ने दिव्या को उसके बाप और बहन को किडनैप करवा लेने की धमकी दी थी. दरअसल तब कुछ कारणों से संदीप और दिव्या के रिश्ते में कड़वाहट आने लगी थी.

कोड वर्ड में मां से बात

सितंबर 2016 में पुलिस ने आरोपपत्र के जरिए कोर्ट को बताया था कि संदीप के एनकाउंटर से पहले दिव्या पाहुजा अपनी मां सोनिया को कोड वर्ड्स के जरिए उसकी सारी जानकारी दे रही थी. इस मामले में दिव्या की मां सोनिया को भी गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने इस पूरे मामले में 2000 पन्नों की चार्जशीट तैयार की थी. चार्जशीट के मुताबिक, दिव्या कोड वर्ड में इसलिए अपनी मां से बात करती थी कि संदीप को उसकी जानकारी लीक किए जाने का संदेह न हो.

ऐसे थे कोड वर्ड

'मम्मी मेरी तबीयत ठीक है. मैं डॉक्टर के पास जा रही हूं.' इस कोड का मतलब था कि दिव्या उस समय अकेली है और संदीप उसके आसपास नहीं है. 'मम्मी, दवाई लेके आई हूं. मैं खा लूंगी. ठीक है.' इस कोड का मतलब था कि संदीप उसके साथ है.

'उलझ गई जिंदगी'

जमानत पर रिहा होने से पहले दिव्या पाहुजा 2016 से 2023 तक बायकुला महिला जेल में बंद थी. अगस्त 2017 में एक सुनवाई के दौरान, दिव्या पाहुजा अदालत के सामने रो पड़ी थी. उसने कहा था कि वह पुलिस और एक गैंगस्टर के बीच फंस गई है. दिव्या ने कहा था कि वह कई बार जमानत के लिए अर्जी दे चुकी है. लेकिन उसकी अर्जी 5 बार खारिज कर दी गई है.

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कानून की किताबें पढ़ रही थी दिव्या

जून 2023 में जमानत पर अपनी रिहाई के बाद दिव्या ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में बताया था कि मुझे जेल से बाहर रहने की आदत हो रही है. मैंने अपने मामले को बेहतर ढंग से समझने के लिए कानून पर बहुत सारी किताबें पढ़ीं. इससे इस पेशे में मेरी रुचि जगी है. मैं जल्द ही कानून की पढ़ाई के लिए दाखिला लूंगी.

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