डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) पद पर नियुक्ति के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को सीडीएस पद के लिए पात्र अधिकारियों के दायरे को पहले से बढ़ाया है. इसके तहत नए दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. अब नौसेना और वायुसेना में सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल या उनके समकक्ष भी सीडीएस बन सकते हैं.
वायु सेना और नौसेना अधिकारियों के लिए भी मौका
यह दिशा-निर्देश तीनों सेनाओं के दूसरे सर्वश्रेष्ठ सक्रिय रैंक के अधिकारियों के लिए अपने सेना प्रमुख-वायु सेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख जैसे वरिष्ठ को 'सुपरसीड' कर सीडीएस बनने का रास्ता साफ करती है.
योग्यता की शर्तों में कुछ और भी बदलाव किए गए हैं. हाल ही में रिटायर सेना प्रमुख और उप प्रमुख भी इस पद के लिए पात्र होंगे हालांकि इसके लिए आयु सीमा 62 वर्ष निर्धारित की गई है.
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फिलहाल खाली है CDS पद
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का पिछले साल दिसंबर में तमिलनाडु में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था. उनकी मौत के बाद से यह पद खाली पड़ा है. मौत के बाद नियमों में यह बदलाव सामने आए हैं.
इस हेलिकॉप्टर में जनरल बिपिन रावत की पत्नी और कुछ आला सैन्य अधिकारियों को भी जान गंवानी पड़ी थी.जनरल बिपिन रावत को सेना प्रमुख के पद से रिटायर होने के बाद देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) नियुक्त किया गया था.
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बुधवार को सेना प्रमुख कर सकते हैं घोषणा
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को तीनों सेनाओं के प्रमुख प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बारे में विस्तार से बता सकते हैं. माना जा रहा है कि तीनों सेना प्रमुख, टूर ऑफ ड्यूटी को लेकर ऐलान करें. इसके तहत 40 से 50 हजार जवानों की भर्ती होगी.
टूर ऑफ ड्यूटी के तहत, करीब साढ़े 3 से 4 साल की नौकरी होगी. 4 साल की नौकरी के बाद 75 फीसदी लोग निकल जाएंगे जबकि 25 फीसदी लोग आगे फौज में नौकरी कर सकेंगे. करीब दो ढाई साल से फौज में जवानों की भर्ती कोरोना की वजह से नहीं हो रही है.
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