नीट-यूजी पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (11 जुलाई) को सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय बेंच केंद्र सरकार व NTA के जवाब और सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट के आधार पर आगे रुख तय करेगी. इस बीच सरकार ने अपना हलफनामा कोर्ट में दाखिल कर दिया है. सरकार ने हलफनामे में कहा कि हम उन छात्रों कि चिंताओं को दूर करने के लिए बाध्य हैं जिन्होंने यह परीक्षा दी थी.
केंद्र सरकार की ओर से हलफनामे में कहा गया कि वह नीट एग्जाम फिर से कराने के पक्ष में नहीं है. वह नहीं चाहती कि कुछ लोगों की धांधली की वजह से 23 लाख छात्रों पर नई परीक्षा का बोझ डाला जाए. सरकार ने कहा कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी दोषी उम्मीदवार को कोई लाभ न मिले. इसका समाधान खोजने के लिए सरकार चौतरफा प्रयास कर रही है.
हलफनामे में कहा गया, सरकार सभी प्रतिभोगी परीक्षाओं में निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित करने के लिए एक मजबूत प्रणाली बनाने का प्रयास कर रही है. जुलाई 2024 की तीसरे हफ्ते से काउंसलिंग शुरू हो जाएगी. इस दौरान पाया गया कि किसी छात्र ने गलत तरीके से परीक्षा पास की है तो उसका परिणाम कैंसिल कर दिया जाएगा.
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बता दें कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सरकार और एनटीए से कहा था कि हम NEET-UG पेपर लीक के लाभार्थियों की संख्या के बारे में जानना चाहते हैं. यह भी बताएं कि कितने के खिलाफ अब तक कार्रवाई का गई.
कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा था कि बताएं पेपर लीक के लाभार्थियों की पहचान कैसे करेंगे. सर्वोच्च अदालत ने इन सभी सवालों के जवाब के साथ सरकार और एनटीए को 11 जुलाई को पेश होने के लिए कहा था.
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