डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 143 रुपये बढ़ाकर 2,183 रुपये प्रति क्विंटल करने की घोषणा की है. सरकार के इस कदम का मकसद किसानों को धान की खेती के लिए प्रोत्साहन देना और उनकी आमदनी बढ़ाना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में खरीफ फसलों की MSP में बढ़ोतरी पर मुहर लगा दी गई.
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने सीसीईए की बैठक के कहा, ‘कृषि क्षेत्र में हम कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर समयबद्ध तरीके से एमएसपी तय करते हैं. पिछले वर्षों की तुलना में इस साल एमएसपी में अधिक बढ़ोतरी की गई है.’ उन्होंने कहा कि ऐसे समय जबकि खुदरा मुद्रास्फीति नीचे आ रही है, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी से किसानों को फायदा होगा.
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कितनी बढ़ाई गई MSP
पीयूष गोयल ने बताया कि सामान्य ग्रेड के धान का MSP 143 रुपये बढ़ाकर 2,183 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. इससे पहले 2,040 रुपये प्रति क्ंविटल के हिसाब से बेचा जा रहा था. वहीं A ग्रेड के धान (Rice) का एमएसपी 163 रुपये बढ़ाकर 2,203 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है.
दालों में कितना होगा फायदा?
न्यूनतम समर्थन मूल्य में सबसे अधिक 10.4 प्रतिशत की वृद्धि मूंग दाल में की गई है. मूंग का एमएसपी अब 8,558 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. पिछले साल यह 7,755 रुपये प्रति क्विंटल था. अरहर की दाल में 400 रुपये की MSP बढ़ाकर 7,000 रुपये प्रति क्विंटल और उड़द दाल की एमएसपी में भी 350 रुपये की बढ़ोतरी कर 6950 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है.
इसके अलावा सरकार ने किसानों को राहत देते हुए, ज्वार, बाजरा, मूंगफली, सोयाबीन समेत कई अन्य फसलों पर एमएसपी में इजाफा किया है. धान खरीफ की प्रमुख फसल है और इसकी बुवाई आमतौर पर दक्षिणपश्चिम मानसून के आगमन के साथ शुरू होती है. भारतीय मौसम विभाग का अनुमान है कि अल नीनो प्रभाव के बावजूद इस साल जून-सितंबर के दौरान मानसून सामान्य रहेगा.
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