डीएनए हिंदी: रामायण महाकाव्य में वर्णित "राम सेतु" के अस्तित्व को लेकर इस बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) निशाने पर है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने संसद में एक जवाब दिया है जिसके बाद कांग्रेस ने सत्ताधारी और खुद को हिंदुत्ववादी पार्टी कहने वाली बीजेपी पर हमला बोल दिया है. एक सवाल के जवाब में जितेंद्र सिंह ने कहा है कि इस बात के पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं जिससे कहा जा सके कि वह राम सेतु (Ram Setu) ही है. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ सकेत जरूर हैं कि ऐसी कोई संरचना वहां थी लेकिन पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता है. इसी पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट करके कहा कि सभी भक्त जन कान खोलकर सुन लो और आंख खोलकर देख लो कि मोदी सरकार संसद में कह रही है कि राम सेतु होने का काई प्रमाण नहीं है.
संसद में बीजेपी सांसद कार्तिकेय शर्मा ने सवाल पूछा कि क्या सरकार कोई ऐसा प्रयास कर रही है जिससे राम सेतु के बारे में वैज्ञानिक मूल्यांकन किया जा सके. इस पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जो जवाब दिया उसी पर हंगामा हो गया. जितेंद्र सिंह ने कहा, "राम सेतु की खोज करने में हमारी कुछ सीमाएं हैं क्योंकि इतिहास 18 हजार साल से भी पुराना है और यह सेतु 56 किलोमीटर लंबा था. स्पेस टेक्नोलॉजी की मदद से कुछ हद तक हमने कुछ आइलैंड और कुछ हिस्से ढूंढे हैं. हमें कुछ चूना-पत्थर के टुकड़े भी मिले हैं लेकिन दावे के साथ यह नहीं कहा जा सकता है कि ये राम सेतु का हिस्सा थे. हालांकि, इन संरचनाओं में एक निरतंरता है."
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कांग्रेस बोली- भक्त जनो कान खोलकर सुनो
जितेंद्र सिंह ने आगे कहा, "मैं संक्षेप में यह कहना चाहता हूं कि इस बात की पुष्टि कर पाना मुश्किल है कि यह पुल कहां था. हालांकि, कुछ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संकेत जरूर हैं कि यहां ऐसी कोई संरचना जरूर थी." इसी पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक अखबार की कटिंग शेयर करते हुए लिखा, "सभी भक्त जन कान खोल कर सुन लो और आँखें खोल कर देख लो. मोदी सरकार संसद में कह रही है कि राम सेतु होने का कोई प्रमाण नहीं है."
कांग्रेस ने हमला बोला तो बीजेपी की ओर से बचाव करने के लिए राज्यवर्धन सिंह राठौर ने पोस्ट लिखी. संसद में बोलते जितेंद्र सिंह का वीडियो पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा, "कांग्रेस सत्ता में थी तो भगवा पर लांछन लगाकर और भगवान राम का अस्तित्व नकार कर रामसेतु के विरुद्ध हिंदू विरोधी चेहरा दिखाती रही. अपना मुंह छिपाने के लिए बयान तोड़मरोड़ कर दिखाने के बजाय कांग्रेस सुने कि मोदी सरकार #Ramsetu और समुद्र के नीचे प्राचीन द्वारका पर कितना काम कर रही है."
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आपको बता दें कि भारत के तमिलनाडु राज्य के आखिरी छोर पर बसे पंबन द्वीप और श्रीलंका के मन्नार द्वीप के बीच चूने-पत्थर से बनी संरचना के कुछ हिस्से मौजूद हैं. ये लगातार बने हैं और सैटेलाइट तस्वीरों में भी ये साफ तौर पर दिखाई देते हैं. रामायण महाकाव्य के आधार पर दावा किया जाता है कि यह राम सेतु का है जिसे भगवान राम ने लंका जाने के लिए बनवाया था. यही वजह है कि हिंदू धर्म में इसे पवित्र माना जाता है.
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