Waqf Act Amendments: केंद्र सरकार इस हफ्ते संसद में एक बड़ा बिल पेश कर सकती है. मोदी सरकार वक्फ अधिनियम में संशोधन करने की तैयारी में है. इस बिल के तहत वक्फ बोर्ड के अधिकारों, उसकी ताकतों और उसकी शक्तियां सीमित हो जाएंगी. सूत्रों के अनुसार जानकारी सामने आई है कि इन संशोधनों का उद्देश्य किसी भी संपत्ति को 'वक्फ संपत्ति' के रूप में नामित करने के वक्फ बोर्ड के अधिकार को प्रतिबंधित करना है.
सूत्रों के हवाले से ये भी खबर है कि, सरकार अगले हफ्ते संसद में ये बिल पेश कर सकती है. अब सरकार के इस प्रस्ताव पर राजनीति भी होने शुरू हो गया है. राजनीतिक पार्टियों के बयान भी सामने आने लगे हैं. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि "वक्फ की संपत्ति पर छात्रावास, शॉपिंग मॉल से लेकर यतीमखाना तक बनवाया गया है. हमें उम्मीद है बिहार के वक्फ मॉडल पर केंद्र सरकार काम करेगी."
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AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का आया बयान
वहीं हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, " 'वक्फ एक्ट में ये संशोधन वक्फ संपत्तियों को छीनने के इरादे से किया जा रहा है. यह संविधान में दिए धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार पर प्रहार है. आरएसएस की शुरू से ही वक्फ संपत्तियों को छीनने की मंशा रही है.'
मौलाना खालिद रशीद फरंगी ने कहा
साथ हीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, 'हमारे पूर्वजों ने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा दान कर दिया और उन्होंने इसे इस्लामी कानून के तहत वक्फ का बना दिया. इसलिए जहां तक वक्फ कानून का सवाल है, यह जरूरी है कि संपत्ति का उपयोग केवल उन धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए जिनके लिए इसे हमारे पूर्वजों ने दान किया था.
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