लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के पहले चरण के मतदान में महज एक महीने का समय बचा है. लेकिन उससे पहले ही बिहार में सीएम नीतीश कुमार को बड़ा झटका लग गया है. जेडीयू के राष्ट्रीय महासचवि मोहम्मद अली अशरफ फातमी (Mohammad Ali Ashraf Fatmi) ने पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से इस्तीफा दे दिया है. फातमी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. अटकलें लगाई जा रहा हैं कि वह फिर से आरजेडी में शामिल हो सकते हैं.
अली अशरफ फातमी ने 2019 में लालू यादव की आरजेडी का साथ छोड़कर जेडीयू का दामन थाम लिया था. उस दौरान फातमी ने तेज प्रताप यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए लालू परिवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. जिसके बाद पार्टी ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था. आरजेडी से निलंबित होने के बाद वह बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ जुड़ गए थे और मधुबनी सीट से अपनी उम्मीदवारी घोषित कर दी थी.
2019 में JDU में हुए थे शामिल
लेकिन कुछ दिन बाद उनका वहां से भी मोहभंग हो गया और अपनी उम्मीदवारी वापस लेते हुए बसपा छोड़ने का भी ऐलान कर दिया. इसके बाद 29 जुलाई 2019 को अली अशरफ फातमी JDU में शामिल हो गए थे.
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फातमी का नीतीश कुमार का साथ छोड़ने के पीछे मधुबनी सीट बताई जा रही है. वह इस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चहाते थे, लेकिन एनडीए के सीट बंटवारे में यह सीट बीजेपी के पास चली गई. बीजेपी ने मधुबनी से अशोक यादव को उम्मीदवार बनाया है. पिछले चुनाव में इस सीट पर अशोक यादव ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी.
कौन हैं मोहम्मद अली अशरफ फातमी?
बिहार में मोहम्मद अली अशरफ फातमी की दिग्गज नेताओं में गिनती होती है. वह दरभंगा सीट से चार बार सांसद रह चुके हैं. वह 2004 से 2009 के बीच केंद्र में संसाधन विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री रह चुके हैं. फातमी का जन्म जन्म 1 जनवरी 1956 को हुआ था. उनके बेटे फराज फातमी 2015 के विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक चुने गए थे.
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