कौन हैं Mohammad Mokhber, इब्राहिम रईसी की मौत के बाद संभाली ईरान की कमान

Written By रईश खान | Updated: May 20, 2024, 07:15 PM IST

Mohammad Mokhber

मोहम्मद मोखबर ईरान के शिया धर्मतंत्र में अन्य राजनीतिक नेताओं की तुलना में काफी हद तक सुर्खियों से दूर रहे हैं. रईसी की मौत के बाद वह अचानक सुर्खियों में आ गए.

ईरान के उत्तर-पश्चिमी इलाके में हेलीकॉप्टर क्रैश में इब्राहिम रईसी की मौत के बाद उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर को देश की कमान सौंपी गई है. ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने मोहम्मद मोखबर को इस्लामी गणराज्य का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया है. वह अगले 50 दिन तक यह दायित्य संभालेंगे. इसके बाद ईरान में राष्ट्रपति चुनाव होने की संभावना है.

68 साल के मोहम्मद मोखबर ईरान के शिया धर्मतंत्र में अन्य राजनीतिक नेताओं की तुलना में काफी हद तक सुर्खियों से दूर रहे हैं.  इब्राहिम रईसी की मौत के बाद वह अचानक सुर्खियों में आ गए. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने रविवार को हुई दुर्घटना में रईसी की मौत पर जारी एक शोक संदेश में मोखबर की नियुक्ति की घोषणा की.  उन्होंने सरकार में प्रमुख पदों पर कार्य किया है.

EIKO संगठन की संभालते हैं जिम्मेदारी
मोखबर ने धर्मार्थ संगठनों में बड़ी भूमिका निभाई है. 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद जब्त की गई संपत्ति से इन संगठनों को बढ़ावा मिला था. ये वो संपत्तियां थीं जो मोहम्मद रेजा शाह या उनकी सरकार से जुड़ी थीं. मोखबर 'इमाम खुमैनी के आदेश की तामील-EIKO' संगठन चलाते हैं, जो ईरान के सर्वोच्च नेता रहे अयातुल्ला रुहोल्ला खुमैनी का था.


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अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के मुताबिक, इस संगठन के पास सर्वोच्च नेता अली खामेनेई की सीधी देखरेख में अरबों डॉलर की संपत्ति का नियंत्रण है, जिसकी ऊर्जा, दूरसंचार और वित्तीय सेवाओं सहित ईरानी अर्थव्यवस्था के लगभग हर क्षेत्र में हिस्सेदारी है.’ अमेरिका इस संगठन को लेकर कड़ा रुख इख्तियार करता आया है. उसका मानना है कि इस संगठन के जरिए अलग-अलग जगह फंडिंग पहुंचाई जाती है.

इस वजह से अमेरिका ने 2021 में मोहम्मद मोखबर पर प्रतिबंध लगाया था. यूरोपीय संघ (EU) ने भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में चिंताओं के बीच अन्य लोगों के साथ कुछ समय के लिए मोखबर पर प्रतिबंध लगाया था. ईआईकेओ के प्रमुख के तौर पर मोखबर ने कोविड-19 महामारी के चरम के दौरान टीका बनाने के प्रयास का निरीक्षण किया और लाखों खुराक बनाने का वादा किया.

मोखबर पूर्व में बैंकिंग और दूरसंचार क्षेत्र में भी काम कर चुके हैं. इतना ही नहीं मुस्तजाफान फाउंडेशन में भी काम किया. मोखबर ने ईरान के तेल उद्योग पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों को दरकिनार करने के देश प्रयासों में खास भूमिका निभाई थी. वह 2022 से ईरान की ‘एक्सपेडिएंसी काउंसिल’ के सदस्य हैं. यह संस्था सर्वोच्च नेता को सलाह देती है, साथ ही संसद और ईरान की संवैधानिक निगरानी इकाई ‘गार्जियन काउंसिल’ के बीच विवादों का निपटारा करती है.

खुजेस्तान प्रांत में हुआ जन्म
मोहम्मद मोखबर का जन्म एक सितंबर 1955 को ईरान के दक्षिण-पश्चिम में स्थित खुजेस्तान प्रांत के देजफुल में हुआ था. यूएएनआई के अनुसार,मोखबर ने 1980 के दशक के ईरान-इराक युद्ध के दौरान रिवोल्यूशनरी गार्ड की मेडिकल कोर में अधिकारी के रूप में कार्य किया था. यूएएनआई ने कहा कि मोखबर ने EIKO द्वारा जमा की गई विशाल संपत्ति का इस्तेमाल ईरानी लोगों की कीमत पर अपने जैसे शासन के करीबी लोगों को पुरस्कृत करने के लिए किया.’ (PTI इनपुट के साथ)

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