डीएनए हिंदी: मंकीपॉक्स (Monkeypox) संक्रमण का कहर अब दुनिया के कई देशों में देखने को मिल रहा है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा है कि यह बीमारी भारत में भी अनियंत्रित तौर पर फैल रही है. बीमारी से जुड़े एक कलंक की वजह से लोग मेडिकल टेस्ट से भी बच रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि मई में संक्रमण का पहला केस सामने आया था, तब से लेकर अब तक 18,000 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं. यह बीमारी 78 से ज्यादा देशों में फैल गई है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से किया गया एक दावा भारत में इसकी टेस्टिंग की दर को प्रभावित कर रहा है. WHO ने दावा किया था कि मंकीपॉक्स संक्रमण गे सेक्स से ज्यादा फैल रहा है. लोग इसी डर से टेस्टिंग नहीं करा रहे हैं. देश में कुल 6 मंकीपॉक्स के केस अब तक सामने आए हैं. 3 केस केरल के हैं, वहीं दिल्ली में 2 और कर्नाटक से भी एक केस सामने आए हैं.
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अनियंत्रित तरीके से बढ़ रहा है मंकीपॉक्स
कोविड के नेशनल टास्क फोर्स में शामिल राजीव जयदेवन ने कहा है कि देश में कई मामलों की टेस्टिंग ही नहीं की गई है. जयदेवन ने कहा है कि भारत में कई और केस सामने आ सकते हैं. मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. यह अनियंत्रित तरीके से फैल रहा है.
गे समुदाय में ज्यादा फैल रहा है केस
राजीव जयदेवन ने कहा है कि सामान्य आबादी में इसका फैलाव बहुत दुर्लभ है. महिलाओं और बच्चों में भी यह नहीं फैल रहा है. बड़े व्यापक स्तर पर यह फैल रहा है. गे सेक्स और कई लोगों के साथ सेक्स करने वाले लोगों में यह वायरस ज्यादा तेजी से फैल रहा है.
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इस वजह से टेस्ट कराने से कतरा रहे हैं लोग
संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ ईश्वर गिलाडा ने दावा किया है कि बीमारी के नाम से जुड़ा कलंक की वजह से लोग सामने नहीं आ रहे हैं. गे समुदाय इसे कलंक के तौर पर देख रहा है. जैसे ही मंकीपॉक्स से संक्रमित लोग डॉक्टर के पास पहुंच रहे हैं तो वे सवाल कर रहे हैं कि यह बीमारी आपको कहां से लगी. इसके जवाब में लोग झेंप जा रहे हैं.
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डॉक्टर ईश्वर गिलाडा ने कहा है कि यौन जनित रोगों को हमेशा कलंक के तौर पर देखा जाता है. लोग इसे एड्स और दूसरी यौन संक्रमित बीमारियों के तौर पर देख रहे हैं. यही वजह है कि लोग टेस्टिंग के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. (इनपुट: IANS)
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