डीएनए हिंदी: मंकीपॉक्स (Monkeypox) का कहर की जद में दुनिया के कई देश आ गए हैं. मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार (Health Ministry) ने मंगलवार को विशेष गाइडलाइन जारी की है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए राज्यों को कुछ उपया सुझाए हैं. भारत में अब तक मंकीपॉक्स के एक भी केस सामने नहीं आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने रोग पर नियंत्रण के लिए विस्तृत गाइडलाइन शेयर की है.
क्या है केंद्र सरकार की राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों को गाइडलाइन?
केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स को लेकर जारी दिशानिर्देश में कहा है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इंसानों से इंसानों में मंकीपॉक्स को फैलने से रोके. सरकार ने कहा है कि जल्द से जल्द संक्रमण के मामलों की ट्रेसिंग की जाए और केस को फैलने से रोका जाए. केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स वायरस को लेकर कंटेनमेंट जोन बनाने की सलाह दी है.
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संक्रमित मरीजों पर नजर रखें अस्पताल
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने हर राज्य के अस्पतालों को निर्देश दिया है कि ऐसे मरीजों पर नजर रखें जिनमें मंकीपॉक्स संक्रमण के लक्षण सामने आ रहे हैं. जो लोग मंकीपॉक्स से संक्रमित हो गए हों उन पर कड़ी नजर रखी जाए. केंद्र सरकार ने अपने दिशानिर्देश में कहा है कि भारत को मंकीपॉक्स संक्रमण से बचने के लिए तैयार रहना होगा.
संक्रमित मरीजों को किया जाए आइसोलेट
मंकीपॉक्स कुछ देशों में स्थानिक बीमारी बनकर उभरा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि संक्रमण के सोर्स का जल्द से जल्द पता लगाया जाए, जिससे संक्रमण को स्थानीय स्तर पर रोक दिया जाए. संक्रमित मरीजों को अलग कर दिया जाए. कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जाए और लोगों में संक्रमण फैलने से रोका जाए.
कई देशों में स्थानीय बीमारी बन गया है मंकीपॉक्स
पश्चिमी अफ्रीकी देशों में मंकीपॉक्स एक स्थानिक बीमारी बन गई है. कैमरून, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, गैबॉन, लाइबेरिया, नाइजीरिया, कांगो गणराज्य जैसे देश इसे स्थानिक बीमारी मानते हैं. यूरोप के देशों में भी अब यह बीमारी फैलने लगी है. अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ऑस्ट्रिया, इज़राइल और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में संक्रमण के मामले फैल रहे हैं.
कितना खतरनाक है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स संक्रमण, स्मालपॉक्स से कम खतरनाक है. 11 देशों में इसे एंडेमिक के तौर पर लिस्ट किया गया है. यह जानवरों के काटने से या मीट से भी फैल सकता है. इसके लक्षणों में तेज बुखार और शरीर पर दानों का उभरना भी शामिल है. शरीर में अगर अलग लक्षण दिखें तो ऐसी स्थिति में तत्काल डॉक्टर को सूचित करना चाहिए.
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