कोरोना वायरस की तरह ही मंकीपॉक्स (Monkeypox) भी दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है. दुनिया के कई देश इस खतरनाक मंकीपॉक्स वायरस की चपेट में आ गए हैं. अफ्रीकी देशों से शुरू हुआ यह संक्रमण अब भारत के 'करीब' पहुंच गया है. अब इस रोग के मामले एशियाई देशों में भी देखे जा रहे हैं. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, पड़ोसी देश पाकिस्तान में मंकीपॉक्स के तीन मरीजों की पुष्टि हुई है. हालांकि, चिकित्सकों ने इसे भारत के लिए खरतनाक नहीं बताया है और सतर्क रहने की सलाह दी है.
पाकिस्तान में मिले तीन मरीज
मंकीपॉक्स की गंभरता को बढ़ते देख विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित दिया था. अब भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में इसके तीन मरीज मिलने से भारत में भी टेंशन बढ़ गई है. जानकारी के मुताबिक, पहला मामला 34 साल के एक व्यक्ति में देखा गया. यह शख्स 3 अगस्त को सऊदी अरब से पाकिस्तान लौटा था. खैबर मेडिकल यूनिवर्सिटी में उसकी जांच करवाई गई और 13 अगस्त को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. पाकिस्तान में शुक्रवार को दो और रोगियों की पुष्टी की गई .
सभी देश कर रहे बचने के उपाय
पाकिस्तान ही नहीं बल्कि स्वीडन, चीन जैसे देशों में मंकीपॉक्स के केस देखने को मिले हैं. स्वीडन में भी गुरुवार को इसका पहला केस दर्ज किया गया. तो वहीं चीनी कस्टम प्रशासन ने अगले छह महीनों तक देश में आने वाले व्यक्तियों में मंकीपॉक्स की निगरानी के आदेश दिए हैं. मंकीपॉक्स एक खतरनाक वायरस की तरह दुनिया में फैल रहा है. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अफ्रीकी देशों में 14 हजार से ज्यादा मामले और 524 मौतें दर्ज की गई हैं. कोरोना वायरस जैसी इस बीमारी से बचने के लिए जरूरी है कि इसके लक्षणों को समझा जाए.
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मंकीपॉक्स के लक्षण?
इस साल पाकिस्तान में मंकीपॉक्स के तीन मरीज मिलने के बाद भारत में टेंशन बढ़ गई है. हालांकि, चिकित्सकों का कहना है कि इससे डरने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है. मंकीपॉक्स से बचने के लिए जरूरी है कि इसके लक्षणों पर ध्यान दिया जाए. अगर चेहरे पर चकत्ते पड़े दिखें और उनमें घाव हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. यह वायरस हवा में नहीं बल्कि छूने से फैलता है. एमपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति को सबसे पहले बुखार आता है. शरीर में चकत्ते पड़ने लगते हैं. सफेद और पीले रंग की फुंसी के रूप में दिखने वाले इन चकत्तों में मवाद भी भर सकता है. इनमें खुजली और दर्द भी होता है. सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द भी होता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस वायरस से बहुत कम मौते होती हैं. यह खुद ही ठीक हो जाता है. लेकिन इससे बचकर रहने की जरूरत है.
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