Monsoon Alert: क्यों डराते हैं मानसून के बादल, दिल्ली-यूपी समेत इन राज्यों में मौत के सबसे ज्यादा मामले

अभिषेक सांख्यायन | Updated:Jul 12, 2022, 01:12 PM IST

Building Collapse in Monsoon

Monsoon Alert: गर्मी और उमस से राहत के लिए हर किसी को मानसून की बारिश का इंतजार होता है. मगर जब मानसून पहुंचता और राहत की बारिश होती है तो कुछ ही समय में वह आफत की बारिश बन जाती है. इस दौरान इमारतें गिरने के कई ऐसे मामले सामने आते हैं जिनमें जान-माल का बड़ा नुकसान हो जाता है.

डीएनए हिंदी: देश के अधिकतर हिस्सों में मानसून आ चुका है. इसके साथ ही  कई शहरों से इमारतों के गिरने की खबरें भी आनी शुरू हो गई हैं. भारत में घरों, इमारतों और अन्य स्ट्रक्चरों के धंसने से औसतन देश में हर साल करीब 2,000 लोगों की मौत होती है. इनमें से अधिकतर हादसे मानसून के समय ही होते हैं. पिछले 10 सालों में सरकार द्वारा घोषित आंकड़ों के अनुसार इन हादसों से 21,844 लोगों की मौत हो चुकी है. मानसून के समय पर इमारतें धंसने के मामले बढ़ जाते हैं. पुरानी और जर्जर हो चुकी इमारतें बारिश का कहर सह नहीं पातीं और ऐसे में इमारतों के धंसने और गिरने के मामले सामने आने लगते हैं.
 
40 फीसदी मौत के मामले उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, एमपी से  

घर, इमारत और अन्य संरचनाओं के धंसने से होने वाली मौतों के 40 % मामले सिर्फ 3 राज्यों से आते हैं. उत्तर प्रदेश में पिछले 10 सालो में 3,639  (16.7 %) लोगों ने अपनी जान ऐसे ही हादसों में गंवाई है. वहीं महाराष्ट्र से 2,448 (11.2%) और मध्यप्रदेश से 2,362 (10.7%) लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है. ये हादसे मानसून के समय सबसे ज्यादा होते हैं.

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दिल्ली में 375 से ज्यादा इमारतें हैं खतरनाक  
शहरी इलाकों में मानसून से पहले ही स्थानीय नगर निगम खतरनाक इमारतों का सर्वे करता है. हाल ही में दिल्ली में किए गए इस सर्वे में 375 से अधिक घरों और इमारतों को खतरनाक बताया गया है. अगर माना जाए कि एक इमारत में चार मंजिलें हैं और हर मंजिल पर 8 परिवार रहते हैं. एक परिवार में अमूमन 4-5 लोग रहते हैं. इस तरह देखा जाए तो लगभग 15 हजार लोगों के जीवन पर खतरा है. 

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बाकी महानगरो में भी इमारतें  खतरनाक  

इसी साल प्री मॉनूसन सर्वे में BMC ने 337 इमारतों को खतरनाक बताया था. इसके अलावा नवी मुंबई नगर निगम (NMMC) ने उन 514 इमारतों की सूची जारी की है, जिन्हें शहर में खतरनाक घोषित किया गया है. वहीं बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका ( BBMP) ने भी अपने सर्वे में कमजोर संरचना वाली 503 इमारतें पाई थी. कोलकाता म्यूनिसिपल कार्पोरेशन (KMC) ने बताया कि मानसून से पहले अपने सर्वे में बताया कि शहर में खतरनाक इमारतों की संख्या 50 से ज्यादा है. KMC ने इन्हे गिराने के लिए कार्रवाई शुरु कर दी थी. 

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