Morbi हादसे को लेकर बार एसोसिएशन का बड़ा फैसला, Oreva कंपनी के आरोपियों की नहीं करेंगे पैरवी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 02, 2022, 12:32 PM IST

ओरेवा कंपनी के मीडिया मैनेजर दीपक पारेख ने कहा कि पहले भी हमने मरम्मत की थी लेकिन इस बार भगवान की कृपा नहीं होगी इसलिए यह त्रासदी हुई.

डीएनए हिंदीः मोरबी केबल ब्रिज हादसे (Morbi Cable Bridge) को लेकर मोरबी (Morbi Bar Association) और राजकोट बार एसोसिएशन (Rajkot Bar Association) ने बड़ा फैसला लिया है. वकीलों का कहना है कि वह इस हादसे के आरोपियों की पैरवी नहीं करेंगे. इस लेकर दोनों बार एसोसिएशन ने प्रस्ताव पास किया है. इस हादसे में अभी तक ओरेवा कंपनी की ही गलती सामने आ रही है. 

पुलिस बोली- पुल पर लगी थी जंग, मरम्मत भी नहीं हुई
हादसे के बाद पुलिस ने कोर्ट में कहा कि अगर पुल की मरम्मत का काम ठीक से किया गया होता तो यह हादसा नहीं होता. 135 लोगों की इस हादसे में जान जा चुकी है. पुलिस ने कहा कि  उपठेकेदारों में से 4 के पास तकनीकी डिग्री नहीं है या वे तकनीकी बातें नहीं जानते हैं. उन्होंने बताया कि किसी भी आगंतुक को लाइफ जैकेट नहीं दिया गया. टेक्निकल ट्रेनिंग भी नहीं दी गई. मेंटेनेंस रिपेयर के नाम पर सिर्फ ब्रिज के प्लेटफॉर्म बदले गए. 

 
SFL रिपोर्ट में हुए कई खुलासे
पुलिस ने इस मामले में एसएफएल की फॉरेंसिक रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की. इसमें कहा गया कि पुलस की फ्लोरिंग को तो बदल दिया गया था लेकिन उसके तार नहीं बदले गए थे और पुराने तार नई फ्लोरिंग का वजन नहीं उठा सके. कोर्ट को यह भी बताया गया कि तारों पर जंग लगी हुई थी. मरम्मत का काम कर रहे दोनों ठेकेदार इस काम को करने की "योग्यता नहीं रखते थे. इसके बावजूद, ठेकेदारों को 2007 में और फिर 2022 में पुल की मरम्मत का काम सौंप दिया गया."

 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Morbi Cable Bridge morbi cable bridge collapse Morbi Bridge Accident Morbi Bridge Collapse