Morbi Bridge Collapse: गुजरात में केबल ब्रिज गिरने पर कंस्ट्रक्शन कंपनी की खुली पोल, रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 02, 2022, 09:15 PM IST

Morbi Bridge Collapse: मोरबी पुल का रिकंस्ट्रक्शन करने वाली कंपनी पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगे हैं.

डीएनए हिंदी: गुजरात के मोरबी पुल ढहने (Morbi Bridge Collapse) के मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस मामले में अतिरिक्त लोक अभियोजक और एडवोकेट एचएस पांचाल ने मोरबी ब्रिज का पुनर्निर्माण करने वाली ओरेवा कंपनी के प्रबंधकों पर अदालत में दुखद दुर्घटना को एक्ट ऑफ गॉड (Act of God) बताया है. इसके साथ ही कंपनी ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने पुनर्निर्माण में लापरवाही की है. 

इस मुद्दे पर अतिरिक्त लोक अभियोजक एडवोकेट एचएस पांचाल ने कहा, "ओरेवा कंपनी के दो प्रबंधकों में से एक ने अदालत को बताया कि एक्ट ऑफ गॉड के तहत यह हादसा हुआ है.  फॉरेंसिक रिपोर्ट में पता चला है कि पुल के केबल तार जंग खा रहे थे और आम जनता के लिए खोले जाने के लिए पर्याप्त स्थिति में नहीं थे. आपको बता दें कि जिन चार लोगों को 5 नवंबर तक पुलिस हिरासत में लिया गया है, उनमें ओरेवा कंपनी के दो मैनेजर भी शामिल हैं. 

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फॉरेंसिक रिपोर्ट में हुआ खुलासा

अदालत में कहा गया कि फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की रिपोर्ट में जांच अधिकारी ने कहा कि केबल का पुल जंग खा रहा था. जांच अधिकारी का कहना है कि पुल का केवल फर्श सही किया गया था और केबल नहीं बदला गया था. इसके अलावा तेल लगाने और ग्रीसिंग भी नहीं किया गया था. उनका कहना है कि पुल बुरी तरह जंग खा चुका था. 

पुराने तारों पर टिका था ब्रिज

एफएसएल अधिकारी ने यह भी खुलासा किया कि ब्रिज पूरी तरह से पुरानी केबलों पर ही टिका हुआ था. आज पुलिस हिरासत में भेजे गए आरोपियों के बारे में पूछे जाने पर पांचाल ने कहा, "जिन 4 लोगों को पुलिस हिरासत में भेजा गया था, उनमें से दो ओरेवा कंपनी के प्रबंधक हैं और दो अन्य ने पुल के निर्माण का काम किया था. इसके अलावा इसमें सुरक्षाकर्मी और टिकट विक्रेता भी शामिल थे 

अधिवक्ता पांचाल ने आगे कहा है कि इस रिपोर्ट में जांच अधिकारी यह बता चुके हैं कि निविदा प्रक्रिया नहीं हुई थी और अनुबंध सीधे आवंटित किया गया था जिसमें कंपनी पर लोगों ने ज्यादा विश्वास जताया था. 

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9 लोग हुए हैं गिरफ्तार 

आपको बता दें कि गुजरात के मोरबी कोर्ट ने 30 अक्टूबर को एक सदी पुराने सस्पेंशन ब्रिज के ढहने में 135 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में गिरफ्तार किए गए 9 लोगों में से 4 लोगों को पुलिस हिरासत में भेजा गया है और शेष पांच को 5 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस हिरासत में 4 व्यक्ति में से दो ओरेवा कंपनी के प्रबंधक हैं जिसने 7 महीने के रखरखाव कार्यों के बाद पुल को आम जनता के लिए खोल दिया और अन्य दो निर्माण कार्य ठेकेदार के लोग हैं.

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