डीएनए हिंदी: गुजरात के मोरबी में हुआ केबल ब्रिज हादसा आज देश के सभी अखबारों की प्रमुख खबर बना हुआ है. इस हादसे में अबतक 140 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. जिस केबल ब्रिज के टूटने की वजह से हादसा हुआ वह एक सदी पुराना है. केबल ब्रिज के टूटने की अलग-अलग वजहें बताई जा रही हैं. कई प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पुल पर जरूरत से ज्यादा लोग मौजूद था जबकि कई प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पुल पर कुछ युवक जोर-जोर से केबल हिला रहे थे.
इस पुल के पास चाय बेचने वाले एक प्रत्यक्षदर्शी का दावा है कि हादसे के समय पुल पर मौजूद लोग ब्रिज की केबल पकड़कर लटक रहे थे. इसी दौरान वो गिर गए. चाय वाले ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, "मैं हर संडे वहां चाय बेचता हूं. लोग केबल पकड़कर लटक रहे थे और तभी गिर गए. मैं पूरी रात नहीं सोया और लोगों की मदद करता रहा. 7-8 महीने की गर्भवती महिला को मरते हुए देखना दिल दहला देने वाला था. मेरे जीवन में ऐसा कुछ कभी नहीं देखा."
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एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी हसीना ने बताया कि हादसे के शिकार होने वालों में छोटे बच्चों की बड़ी तादद है. उन्होंने बताया, "मैं इस हादसे को शब्दों में बयां नहीं कर सकती. हादसे का शिकार होने वालों में बच्चे भी शामिल हैं. मैंने और मेरे परिवार के लोगों ने पीड़ितों की मदद की. हमने अपना वाहन घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए दिया. प्रशासन ने भी बहुत मदद की. मैंने अपने जीवन में ऐसा हादसा कभी नहीं देखा."
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आर्मी भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल
मोरबी में चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में SDRF की दो टीमें, NDRF की दो टीमें, आर्मी, फायर और नगर निगम की एक टीम शामिल है. डिफेंस के अधिकारियों ने बताया कि इंडियन कोस्ट गार्ड की तीन टीमें गोताखोरों, उपकरणों, नावों और अन्य सामग्रियों के साथ ही कल रात से ही रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं.
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