डीएनए हिंदी: गुजरात के मोरबी में पुल टूटने से 130 से ज्यादा लोगों की अभी तक मौत हो चुकी है. ऐसे ही कई छोटे-बड़े हादसों में हजारों लोगों की डूब कर मौत हो जाती है. साल 2021 की ADSI (Accidental Deaths and Suicides in India) रिपोर्ट के अनुसार, डूबने से 36,362 लोगों की मौत हुई थी. पिछले 10 सालों में डूबने से 3 लाख से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं. वहीं स्ट्रक्चर टूटने के कारण इन सालों में 20,000 से ज्यादा लोगों की जान गई है. राहत की बात यह है कि पुल टूटने के हादसे कम होते जा रहे हैं. साल 2016 में परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सड़कों पर मौजूद पुलों की हालत की पड़ताल के लिए Indian Bridge Management System (IBMS) लॉन्च किया था. सर्वे में पता चला था कि देश में 147 पुलों को तुरंत मरम्मत की जरूरत है.
पिछले 10 सालों मे डूबने से 3 लाख ज्यादा लोगों की मौत
डूबने की छोटी मोटी घटनाओं के कारण पिछले 10 सालों में 3 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. 10 साल पहले साल 2012 में 27,558 लोगों की मौत हुई थी. वहीं पिछले साल 2021 में 36,362 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है. साल दर साल डूबने के कारण मौतों की संख्या लगातार बढ़ती रही है.
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स्ट्रक्चर टूटने के कारण 20,000 से ज्यादा लोगों की मौत
ADSI की रिपोर्ट में स्ट्रक्चर टूटने (Collapse of Structure) के हादसों का भी रिकॉर्ड दर्ज है. अलग-अलग किस्म के स्ट्रक्चर गिरने के कारण पिछले 10 सालों में 20,313 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि इस मामले में पिछले साल 1630 लोगों की जान गई. वहीं 10 साल पहले 2012 में 2,682 लोगों को स्ट्रक्चर गिरने के हादसों के कारण जान गंवानी पड़ी थी.
हालांकि ADSI की रिपोर्ट में ब्रिज टूटने से हुई मौतों की घटनाओं और मौतों को भी रिकार्ड शामिल है. पिछले 10 सालों की रिपोर्ट के अनुसार 274 पुल टूटने के हादसों में 214 लोगों की मौत हुई है. हालांकि साल दर साल पुल टूटने के हादसों और मौतों की संख्या में कमी आई है.
IBMS सिस्टम से मिली मदद
परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने देश भर के सड़कों पर मौजूद पुलों की हालत की पड़ताल के लिए साल 2016 में Indian Bridge Management System (IBMS) सिस्टम लांच किया था. साल 2018 में मंत्रालय ने लोकसभा में बताया था कि सर्वे में पाया गया कि कुल 1,66,236 पुलों में से 147 पुलों को खतरनाक बताते हुए तुरंत रिपेयर के लिए चिन्हित किया गया था.
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