म्यांमार बॉर्डर से मणिपुर में आए 700 से ज्यादा घुसपैठी, असम राइफल्स को वापस भेजने का आदेश

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 25, 2023, 07:44 AM IST

Indo-Myanmar Border

Myanmar India Border: म्यांमार से सैकड़ों लोग भारत की सीमा में घुस आए हैं. अब राज्य सरकार ने इन्हें वापस भेजने के लिए असम राइफल्स से मांग की है.

डीएनए हिंदी: मणिपुर में जारी हिंसा के बीच एक और समस्या सामने आ गई है. म्यांमार में सेना और नागरिक बलों के बीच चल रही झड़पों के कारण 301 बच्चों और 208 महिलाओं सहित लगभग 718 म्यांमार नागरिक मणिपुर के चंदेल जिले में प्रवेश कर चुके हैं. ये लोग बॉर्डर पार से अैध तरीके से भारत में घुस आए हैं. अब असम राइफल्स को कहा गया है कि वह इन सभी लोगों को वापस भेजे. ये सैकड़ों लोग म्यांमार की सीमा से लगे कई गांवों में रह रहे हैं. मणिपुर सरकार ने असम राइफल्स के कहा है कि वह सुनिश्चित करे कि कोई भी शख्स बिना वैध वाजी और जरूरी दस्तावेजों के भारत में न आने पाए.

मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी ने एक बयान में कहा, 'राज्य सरकार ने असम राइफल्स से म्यांमार के नागरिकों को वापस भेजने के लिए कहा है. सरकार ने तथ्यों और कारणों पर स्पष्टीकरण के लिए असम राइफल्स से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है कि क्यों और कैसे इन 718 म्यांमार नागरिकों को उचित यात्रा दस्तावेजों के बिना चंदेल जिले में भारत में प्रवेश करने की अनुमति दी गई.' मुख्य सचिव ने कहा, 'राज्य सरकार ने असम राइफल्स को उन 718 अवैध म्यांमार नागरिकों को तुरंत वापस भेजने की सख्त सलाह दी है.'

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सात जगहों पर रहे हैं म्यांमार से आए लोग
उन्होंने कहा कि म्यांमार के नागरिकों ने शनिवार और रविवार को मणिपुर में प्रवेश किया और अब जिले के सात स्थानों - लाजांग, बोन्से, न्यू समताल, न्यू लाजंग, यांग्नोम्फाई, यांग्नोम्फाई सॉ मिल और ऐवोमजंग में रह रहे हैं. ये सभी गांव म्यांमार सीमा से लगे हुए हैं. जोशी ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने सीमा सुरक्षा बल होने के नाते असम राइफल्स को केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के अनुसार वैध वीजा और यात्रा दस्तावेजों के बिना किसी भी आधार पर मणिपुर में म्यांमार के नागरिकों के प्रवेश को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है.

उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार 718 शरणार्थियों के ताजा अवैध प्रवेश को अत्यंत संवेदनशीलता के साथ गंभीरता से लेती है, क्योंकि विशेष रूप से चल रहे कानून और व्यवस्था के मुद्दों को देखते हुए इसके अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव हो सकते हैं.' मुख्य सचिव ने चंदेल जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने और ऐसे सभी व्यक्तियों के बायोमेट्रिक्स और तस्वीरें भी रखने को कहा है.

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इस बीच, फरवरी 2021 में म्यांमार में सैन्य अधिग्रहण के बाद हजारों म्यांमारवासी मिजोरम भाग गए और उस देश के लगभग 35,000 पुरुष, महिलाएं और बच्चे अब पहाड़ी राज्य में रह रहे हैं. लगभग 5,000 म्यांमारियों ने भी पहले मणिपुर में शरण ली थी. मणिपुर की म्यांमार के साथ लगभग 400 किमी और मिजोरम की 510 किमी बिना बाड़ वाली सीमा है.

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