डीएनए हिंदी: लद्दाख के माउंट कुन पर्वत पर हर दिन की तरह ही रविवार को भी सेना की प्रशिक्षण गतिविधियां चल रही थीं. हमेशा ही इस मौसम और बर्फबारी के दौरान जवानों की ट्रेनिंग होती है. हालांकि, इसी ट्रेनिंग के दौरान अचानक हिमस्खलन काफी तेज हो गया जिसमें सेना के एक जवान के शहीद होने की पुष्टि आर्मी सूत्रों ने की है. तीन और जवानों के लापता होने की भी बात कही जा रही है. फिलहाल लापता जवानों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि 8 अक्टूबर को ट्रेनिंग के दौरान भारतीय सेना की एक टुकड़ी को अप्रत्याशित हिमस्खलन का सामना करना पड़ा था. सेना के चार जवान बर्फ में फंस गए थे जिसमें एक का निधन हो गया है. यह इलाका खराब मौसम और मुश्किल परिस्थितियों की वजह से बहुत मुश्किल माना जाता है.
भारतीय सेना के लिए लद्दाख का इलाका काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि सीमा सुरक्षा के लिहाज से यह बेहद संवेदनशील क्षेत्र है. इसके अलावा, इस इलाके में बहुत ज्यादा बर्फबारी होती है और मौसम के लिहाज से यहां मुश्कि स्थिति रहती है. हिमपात और खराब मौसम के दौरान सेना की ट्रेनिंग होती है और इसी अभ्यास सत्र के दौरान रविवार को 4 सैनिकों के साथ हादसा हो गया. पहले भी बर्फ में दबने से कई भारतीय सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.
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सेना क सर्च ऑपरेशन जारी
खराब मौसम और भारी बर्फ के ढेर के बावजूद, बर्फ के नीचे फंसे बचे हुए 3 जवानों का पता लगाने और उन्हें निकालने के लिए खोज और बचाव अभियान जारी है. खोज अभियान में सेना की टुकड़ी के साथ स्नाइपर डॉग्स की मदद ली जा रही है. भारतीय सेना की आर्मी एडवेंचर विंग के लगभग 40 सैन्य कर्मियों की एक टुकड़ी माउंट कुन (लद्दाख) के पास नियमित प्रशिक्षण कर रही थी. उसी दौरान यह हादसा हुआ जिसमें 4 जवान बर्फ में फंस गए. एक शहीद सैनिक का शव बर्फ में से बरामद कर लिया गया है.
हिमस्खलन में फंसने से कई सैनिकों को गंवानी पड़ी है जान
हिमस्खलन में फंसने से भारतीय सैनिकों की जान पहले भी जा चुकी है. इससे पहले पिछले साल माछिल सेक्टर में भारी बर्फबारी में फंसने से सेना के दो जवान शहीद हो गए थे. सियाचिन ग्लेशियर में फंसने की वजह से भी इसी साल की शुरुआत में दो सैनिक शहीद हो गए थे. कश्मीर और लद्दाख के इलाकों में भारी बर्फबारी होती है और कभी-कभी खराब मौसम की वजह से ऐसे हादसे हो जाते हैं. हालांकि, भारी बर्फबारी और खराब मौसम के बावजूद भी भारतीय सेना के जवान नियमित तौर पर गश्त देते हैं.
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