अटकलें आखिरकार सच हो गई हैं. बिहार से मंत्री बनने वालों में चिराग पासवान ने भी मोदी 3.0 में केंद्रीय मंत्रीपद के रूप में शपथ ले ली है. उनकी पार्टी एलजेपीआर ने पहली बार लोकसभा में पदार्पण किया और पांच सीटों पर चुनाव लड़े और पांचों की पांच सीट जीतीं और रिकॉर्ड बनाया. खुद चिराग पासवान ने इस बार की जीत के साथ लोकसभा में हैट्रिक लगाई.
चिराग पासवान 2014 में स्पेशली यूपीए से छिटकर एनडीए में शामिल हुए थे.
Chirag Paswan काले सूट में खूब जचे
चिराग ने इस दिन का खास तैयारी की थी. काले प्रिंस सूट में तिरंगा रूमाल सजाए चिराग बहुत ही जच रहे थे. उन्होंने अपने माथे पर टीका लगा रखा था.
डीएनए हिंदी से विशेष बातचीत में चिराग ने कहा कि,' हाजीपुर मेरे लिए सिर्फ एक लोकसभा क्षेत्र भर नहीं है, उसका अलग महत्व है मेरे जीवन में.' 'मेरे पापा हाजीपुर को अपनी मां कहते थे, क्षेत्र के विकास को लेकर मेरी एक प्लानिंग है. मैं लंबी लकीर खींचना चाहता हूं.'
चिराग कहते हैं पापा भले ही मेरे साथ नहीं है लेकिन मुझे ऐसा हमेशा आभास होता है कि वो मेरे साथ है. 'हाजीपुर किंडर गार्डन की तरह है.'
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नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. 2014 के चुनाव में जब नरेंद्र मोदी को पीएम फेस के साथ लांच किया गया था उन दिनों को याद कर के चिराग कहते हैं कि मैं पापा से बात कर के UPA से NDA में आया था. अब मैं तीन बार का सांसद हूं. मैंने 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' को लेकर एक रोडमैप तैयार किया है. पीएम मोदी ने जब सदन में बैठक के दौरान मुझे 'बेटा' कहा और उनके 'हनुमान' कहे जाने को लेकर भी उनकी खूब खिंचाई की गई, मजाक उड़ाया गया लेकिन अब जब बिहार में 100 फीसदी नंबर के साथ अकेले पास होकर चिराग आ चुके हैं और पांचों की पांचों सीट पर उनकी पार्टी ने जीत हासिल की है तो वो कह रहे हैं..बस चलते जाना है साबित अपने आप समय कर देता है. वह कहते हैं,' उतार चढ़ाव जीवन में आते रहते हैं या तो रो लें या फिर काम करते हुए आगे बढ़ें..मैंने बढ़ने को चुना और हेयर आईएम.'
हमेशा चेहरे पर मुस्कान लिए चिराग बड़ी बेबाकी से डीएनए के हर एक सवाल का जवाब दे रहे थे. चुनाव की राजनीतिक सरगर्मी के बीच चिराग पासवान की मां के खिलाफ भी काफी कुछ कहा गया इसपर उन्होंने कहा कि यह संस्कार की बात होती है. किसी भी बात को बिना गाली गलौच और अपशब्द के भी कहा जा सकता है. वह कहते हैं, 'जब भी किसी की मां को कुछ बोला जाएगा तो खून तो खौलेगा ही. लेकिन मेरी मां के खिलाफ बोले जाने के बाद भी मैंने बहुत ही संयमित तरीके से जवाब दिया था.'
रामविलास से अलग बनाएंगे छवि
रामविलास पासवान देश के जाने माने नेता थे और वो देश के एकमात्र नेता थे जिनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज है. 2020 में रामविलास पासवान की केंद्रीय मंत्री पद पर रहते हुए ही देहांत हुआ था. उन्होंने 11 बार लोकसभा चुनाव लड़ा और 9 बार जीते. रामविलास पासवान का रिकॉर्ड छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का भी रिकॉर्ड रहा है.
चिराग को मोदी का हनुमान कहा जाता है.
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