MP Election 2023: चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में बीजेपी का ताबड़तोड़ एक्शन, 35 नेताओं को किया बर्खास्त

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 05, 2023, 07:19 PM IST

 BJP expels 35 leaders

MP Elections 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने पार्टी से बगावत करने वाले 35 नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. इनमें से कुछ नेता पहले ही पार्टी को इस्तीफा सौंप चुके हैं.

डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की है. 35 नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है. दूसरी ओर इनमें से कुछ नेताओं ने पहले ही पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया था. इन नेताओं पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ कार्य करने और चुनाव लड़ने वाले नेताओं के खिलाफ काम करने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आधार पर एक्शन लिया गया है. प्रदेश में चुनाव प्रचार आखिरी दौर में पहुंच गया है और कांग्रेस से मिल रही कड़ी टक्कर को देखते हुए कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर काम करने का निर्देश दिया गया है. इनमें से कुछ नेता काफी सीनियर हैं और पूर्व मंत्री तक रह चुके हैं. 

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने बताया कि पार्टी ने इन नेताओं के साथ संवाद की पूरी कोशिश की थी. बगावत करने वाले कई नेताओं ने नाम वापस ले लिया था और बहुत से  दावेदारों ने अपने नामांकन भी वापस ले लिए है. संवाद की कोशिश के बाद भी जिन नेताओं की बगावत अभी भी जारी थी उनके खिलाफ पार्टी ने कड़ी कार्रवाई की है. बीजेपी ने मध्य प्रदेश के कई जिलों से बगावत करने वाले 35 नेताओं को पार्टी से 5 साल के लिए बाहर कर दिया है.

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इन नेताओं को कर दिया बाहर
इनमें शिवपुरी के बिहारी सिंह सोलंकी, मुरैना के रुस्तम सिंह और राकेश सिंह गुर्जर, भिंड के मुन्ना सिंह भदौरिया, रसाल सिंह, गुना की ममता मीना, टीकमगढ़ के के श्रीवास्तव, छतरपुर के घासीराम पटेल, करण लोधी, निवाड़ी के नंदराम कुशवाहा, दमोह के शिवचरण पटेल, पन्ना की अनीता बागड़ी, सतना के सुभाष शर्मा रत्नाकर चतुर्वेदी, रानी बागरी शामिल है. 35 नेताओं में से कुछ तो ऐसे भी हैं जिन्हें पार्टी ने पद दे रखा था और कुछ तो कई सालों से बीजेपी के साथ थे.

विधानसभा चुनाव से पहले डैमेज कंट्रोल की कोशिश 
इस बार बीजेपी के लिए यह कांटे की टक्कर है और विधानसभा चुनाव से पहले बड़े प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए पार्टी आखिरी वक्त में पूरा जोर लगा रही है. किसी भी तरह की गुटबाजी और भितरघात से करीबी मुकाबलों में नतीजे प्रतिकूल हो सकते हैं. इस पक्ष को ध्यान में रखत हुए पार्टी ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर दी है. जिन नेताओं को बाहर किया गया है उनमें कई बीजेपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं, जबकि कुछ पूर्व विधायक भी शामिल है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के पुत्र को भी पार्टी ने 6 साल के लिए बाहर कर दिया.

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