Mandir roof collapse: इंदौर मंदिर हादसे में 13 लोगों की मौत, 17 बचाए गए, 40 फुट गहरे पानी में डूबे हैं अब भी कई

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Mar 30, 2023, 07:51 PM IST

श्रद्धालुओं की भीड़ की वजह से हुआ हादसा.

मध्य प्रदेश के इंदौर में राम नवमी पर पूजन के दौरान एक मंदिर के बावड़ी की छत धंसने से 30 से ज्यादा लोग 40 फीट नीचे गिरकर मलबे में दब गए.

डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश के इंदौर में राम नवमी के मौके पर गुरुवार को मंदिर में हवन के दौरान हुए हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसकी पुष्टि कर दी है. मिश्रा के मुताबिक, हवन के दौरान पुरानी बावड़ी की छत धंसने से 40 फीट गहरे पानी में गिरकर डूबे 30 से ज्यादा लोगों में से 11 के शव मिल गए हैं, रेस्क्यू ऑपरेशन में 19 लोगों को बाहर निकाला गया था, जिनमें से 2 की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई है. अब भी कई लोगों के डूबे होने की आशंका के चलते बावड़ी का पानी पंपसेट से बाहर निकाला जा रहा है. इस कारण रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया है.

इंदौर के पटेल नगर में यह हादसा बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हुआ है. बावड़ी करीब 40 फीट गहरी है. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मंदिर पर रामनवमी के दिन भीड़ ज्यादा थी, तभी बावड़ी की छत टूटी और लोग बावड़ी में जा गिरे. हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस के साथ मिलकर लोगों को रेस्क्यू किया. बावड़ी में चार से पांच फीट पानी था, इसलिए बड़ा हादसा होने से बच गया. 

बावड़ी में गिरने वालों में बच्चे भी शामिल

बावड़ी में गिरने वालों में बच्चे और महिलाएं भी हैं. 60 साल पुराने इस मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े थे. बाहर कन्या पूजन का कार्यक्रम भी चल रहा था. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा जा रहा है.

हादसे पर सीएम शिवराज की नजर

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की हादसे पर नजर हैं. उन्होंने कहा, 'इंदौर में दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है. हम पूरी ताकत से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं, मैं लगातार प्रशासन के संपर्क में हूं. अब तक 10 लोग सुरक्षित बाहर निकाले जा चुके हैं. 9 लोग अंदर हैं जो सुरक्षित हैं.'

 


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बावड़ी की छत पर जुटी भीड़, हो गया हादसा

घटनास्थल पर मौजूद लोगों का कहना है कि धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मंदिर में पुरातन बावड़ी की छत पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ इकट्ठा हो गई थी. छत ज्यादा लोगों का बोझ नहीं सहन कर सकी, जिसके बाद यह हादसा हो गया. 

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