'सरेंडर मत करना, रावी नदी को पार कर पाकिस्तान भाग जाओ', लोकसभा सांसद सिमरनजीत की अमृतपाल को सलाह

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 31, 2023, 04:40 PM IST

Simranjeet Singh

सिमरनजीत सिंह मान खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल के समर्थन में पहले भी बयान दे चुके हैं. उन्होंने कहा था कि सरकार अमृतपाल का एनकाउंटर कराना चाहती है.

डीएनए हिंदी: खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह की तलाश में पंजाब पुलिस लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है. लेकिन अभी तक उसे कामयाबी हाथ नहीं लगी है. इस बीच अमृतपाल को लेकर पंजाब में सियासत शुरू हो गई है. लोकसभा सांसद और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान (Simranjit Singh Mann) हैरान करने वाला बयान सामने आया है. भगोड़े अमृतपाल को उन्होंने सरेंडर ना करने की सलाह दी है. सिमरनजीत ने कहा कि अमृतपाल को रावी नदी को पार करके पाकिस्तान भाग जाना चाहिए.

संगरूर से सांसद सिमरनजीत सिंह यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा, 'अमृतपाल को अब इंतजार नहीं करना चाहिए, उसे पाकिस्तान भाग जाना चाहिए. ऐसे हम 1984 में कर चुके हैं. अमृतपाल (Amritpal Singh) के लिए पाकिस्तान चले जाना सिख इतिहास के हिसाब से उचित है. क्योंकि यहां उसका जीवन खतरे में और यहां सरकार हम पर अत्याचार कर रही है.'

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अमृतपाल की करते रहे हैं पैरवी
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब सिमरनजीत सिंह ने खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल के समर्थन में बयान दिया है. इससे पहले भी वह वारिस पंजाब दे का मुखिया की पैरवी कर चुके हैं. कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि सरकार अमृतपाल का एनकाउंटर कराना चाहती है. मान ने कहा था  कि अगर उसे (अमृतपाल) को कोर्ट में पेश नहीं किया गया, तो हम समझेंगे कि उसका एनकाउंटर कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो यह ठीक नहीं होगा और दुनियाभर के सिखों के बीच बड़ा मुद्दा बन जाएगा.

सिमरनजीत 1984 की बात क्यों दोहराई?
लोकसभा सांसद सिमरनजीत की यह टिप्पणी उन घटनाओं की ओर इशारा करती हैं, 1984 में सिख विरोधी दंगों का कारण बनीं थीं. तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जरनैल सिंह भिंडरावाले और अन्य खालिस्तानी आतंकियों का खात्मा करने के लिए सेना को ऑपरेशन ब्लू स्टार  (Operation Blue Star) का आदेश दिया था. जिसके बाद इंदिरा गांधी के सिख अंगरक्षकों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी. उनकी मौत के बाद 1984 में दिल्ली समेत पूरे देश में सिख विरोध दंगे फेल गए थे. जिसमें हजारों सिख मारे गए थे. इस दौरान कुछ सिख पाकिस्तान भाग गए थे.

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