कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन का निधन, अनाज के मामले में भारत को बनाया था आत्मनिर्भर

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 28, 2023, 01:07 PM IST

MS Swaminathan

MS Swaminathan Death News: एमएस स्वामीनाथन ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने अपने छोटे-छोटे प्रयासों से न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व को कृषि के महत्व को समझाया. अनाज के लिए भारत को आत्मनिर्भर बनाने का श्रेय भी एमएस स्वामीनाथन को जाता है.

डीएनए हिंदी: भारत के मशहूर कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन (MS Swaminathan) का निधन हो गया है. तमिलनाडु के चेन्नई में स्वामीनाथन ने आखिरी सांस ली. वह 98 वर्ष के थे. स्वामीनाथन को हरित क्रांति का जनक माना जाता है. वह ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने अपने छोटे-छोटे प्रयासों से न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व को कृषि के महत्व समझाया. अनाज के लिए भारत को आत्मनिर्भर बनाने का श्रेय भी एमएस स्वामीनाथन को जाता है.

जानकारी के मुताबिक, एमएस स्वामीनाथन ने गुरुवार सुबह 11.20 बजे चेन्नई में अपने घर पर अंतिम सांस ली. वह लंबे से बीमार चल रहे थे. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन (MSSRF) के संस्थापक थे. उनका जन्म 7 अगस्त 1925 को हुआ था. स्वामीनाथन के तीन बेटियां हैं. डॉ. सौम्या स्वामीनाथन एमएसएसआरएफ की अध्यक्ष, डॉ. मधुरा स्वामीनाथन, जो इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैटिक्स में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर हैं और तीसरी बेटी नित्या स्वामीनाथन ईस्ट एंजेला यूनिवर्सिटी में जेंडर एनालिसिस एंड डेवलपमेंट की प्रोफेसर रह चुकी हैं.

अनाज में भारत के किसानों को बनाया आत्मनिर्भर
एमएस स्वामीनाथन भारत के महान कृषि वैज्ञानिक थे. वह  1972 से लेकर 1979 तक 'इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च' के अध्यक्ष रहे थे. स्वामीनाथन ऐसे वैज्ञानिक थे जिन्होंने किसानों को धान, गेंहू की ऐसी किस्म को पैदा करना सिखाया, जिससे भारत के किसानों की आय बढ़ी. उन्होंने गरीब किसानों के खेतों में वृक्षों की खेती को प्रोत्साहित कर आत्मनिर्भर बनाया.  हरित क्रांति प्रोजेक्ट के माध्यम से स्वीमानाथ ने कृषि क्षेत्र में कई बदलाव किए.

इन सम्मान से नवाजा गया
हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले स्वामीनाथन को कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए कई सम्मानों से नवाजा गया. इनमें साल 1967 में उन्हें  पद्म श्री, पद्म भूषण (1972), पद्म विभूषण (1989) और 1999 में अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार वोल्वो इंटरनेशनल एनवायरनमेंट पुरस्कार से नवाजा गया. इनके अलावा विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सम्मान भी दिए गए.

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