कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया (Siddaramaiah) पर बीजेपी इस वक्त ताबड़तोड़ हमले कर रही है. मुडा स्कैम (Muda Scam) में हाई कोर्ट ने जांच जारी रखने का आदेश दिया है. प्रदेश की राजनीति में यह मामला गर्माया हुआ है. अब मुख्यमंत्री की मुश्किलें आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है. स्पेशल कोर्ट ने इस केस में पहले ही मामला दर्ज करने का आदेश दिया है. अब ईडी (ED) भी एफआईआर दर्ज सकती है. अब तक दो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन प्रवर्तन निदेशालय की जांच में गिरफ्तार हो चुके हैं.
मनी लॉन्ड्रिंग के तहत चल सकता है केस
कर्नाटक के सीएम पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज कर सकती है. सिद्धारमैया के खिलाफ पीएमएलए के तहत केस दाखिल किया जा सकता है. मुडा जमीन घोटाले में आरोप है कि सीएम की पत्नी को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से 14 हाउसिंग सोसाइटी दी गई थी. इस आवंटन के लिए नियमों की अनदेखी की गई थी और मनमाने ढंग से आवंटन जारी किया गया.
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यह है पूरा मामला
बता दें कि कर्नाटक का मुडा स्कैम मामला साल 2009 से जुड़ा हुआ है. कर्नाटक के मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) में विकास योजनाओं के तहत अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए साल 2009 में एक योजना शुरू की गई थी. इसके तहत जमीन गंवाने वाले लोगों को विकसित भूमि में से 50 फीसदी हिस्सा दिए जाने ऐलान किया था. हालांकि, साल 2020 में बीजेपी सरकार ने इसे स्थगित कर दिया था.
सिद्धारमैया पर आरोप है कि उनकी पत्नी की 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि का अधिग्रहण नहीं किया गया था. बिना अधिग्रहण के ही देवनूर विकास योजना का तृतीय चरण विकसित कर दिया गया था.
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