कई मामलों में सजा पा चुका माफिया मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में है. रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार रात को तबीयत बिगड़ने के बाद मुख्तार अंसारी को आनन-फानन में बांदा मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया है. यह भी बताया गया है कि मुख्तार अंसारी की तबीयत इतनी खराब है कि उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया है. इस पर मुख्तार अंसारी के वकीलों ने किसी अनहोनी की आशंका जताई है.
बताया गया है कि बांदा जेल के अधीक्षक ने मेडिकल कॉलेज बांदा को पत्र लिखकर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बोला था. मेडिकल कॉलेज की टीम रात में अस्पताल पहुंची थी. डॉक्टरों को लगा कि तबीयत ज्यादा खराब है तो जेल से मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए रिफर किया गया. अब मुख्तार अंसारी को मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया है.
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हाल ही में सस्पेंड हुए थे जेलर
अभी दो दिन पहले बांदा की जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को लाने-ले जाने के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप में जेलर योगेश कुमार, डिप्टी जेलर राजेश कुमार और डिप्टी जेलर अरविंद कुमार सस्पेंड किया गया था. तीनों अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.
मुख्तार अंसारी ने हाल ही में अपने वकील के माध्यम से जज कमलकांत श्रीवास्तव को प्रार्थना पत्र देकर बांदा जेल में अपनी जान को खतरा बताया था. अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने मुख्तार की ओर से जज को प्रार्थना पत्र सौंपते हुए कहा कि बांदा कारागार में जान का खतरा हो गया है. इस पत्र में लिखा गया था, "19 मार्च 2024 को जो भोजन दिया गया उसमें कोई विषाक्त पदार्थ था, जिसे खाने से मैं गंभीर रूप से बीमार हो गया. हाथ-पैर की नसों में बहुत दर्द है, हाथ-पैर ठंडे पड़ रहे हैं. ऐसा लगता है जैसे मृत्यु हो जाएगी, घबराहट हो रही है."
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प्रार्थना पत्र में लिखा गया है कि 40 दिन पहले खाने में किसी प्रकार का कोई धीमा जहर दिया गया, जिसके चलते खाना चखने वाले जेल स्टाफ की भी तबीयत खराब हो गई थी. मुख्तार अंसारी के मुताबिक, "बांदा कारागार में जान का खतरा हो गया है, कोई भी अनहोनी हो सकती है. 19 मार्च को फिर खाने में जहर दिया जाना किसी साजिश का हिस्सा है इसलिए मेडिकल बोर्ड का गठन कराकर इलाज कराया जाए."
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