डीएनए हिंदी: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का निधन हो गया है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव लंबे समय से बीमार चल रहे थे. गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांसें लीं. 'नेताजी' के नाम से मशहूर मुलायम को 22 अगस्त को मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) में भर्ती किया गया था. 1 अक्टूबर को उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था लेकिन उनकी हालत बिगड़ती ही जा रही थी. रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार सुबह 8 से 8:30 के बीच मुलायम सिंह यादव की सांसें थम गईं.
सपा के मुखिया और मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव ने अपने पिता के निधन की पुष्टि की है. अखिलेश यादव ने कहा है, 'मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे. मुलायम सिंह यादव की बिगड़ती सेहत को देखते हुए तमाम पार्टियों के नेता उनका हालचाल जानने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल पहुंचे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अखिलेश यादव को फोन करके मुलायम सिंह यादव का हालचाल जाना था.
यह भी पढ़ें- मुलायम सिंह यादव के कुनबे के ये लोग हैं सियासत में सक्रिय, तीन दलों में एक्टिव परिवार
मुलायम सिंह यादव को कौन सी बीमारी थी?
मेडिकल रिपोर्ट और हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक, मुलायम सिंह यादव पेशाम के संक्रमण और ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे थे. आईसीयू में मुलायम का इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम ने बताया था कि उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी. मुलायम से सीने में जकड़न थी. बाद में उनकी किडनी में भी संक्रमण फैल गया था. इससे पहले भी कई बार उन्हें इसी तरह की दिक्कतों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह ठीक हो गए थे.
यह भी पढ़ें- कुश्ती ने दिलवाई थी राजनीति में एंट्री, Mulayam Singh Yadav के दोस्त तोताराम ने सुनाए किस्से
मुलायम सिंह यादव देश के सबसे बड़े प्रदेश यानी उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे. अपनी राजनीति सूझबूझ के दम पर ही वह तीन बार यूपी के सीएम बनने में कामयाब रहे. इतना ही नहीं, साल 1996 से 1998 के बीच देश के रक्षा मंत्री भी बने थे. एक समय ऐसा था जब इस बात की संभावना जताई जाने लगी थी कि मुलायम सिंह यादव देश के प्रधानमंत्री भी बन सकते हैं. हालांकि, उनका यह सपना कभी पूरा नहीं हो पाया.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.