डीएनए हिंदी: समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार आज सैफई के मेला ग्राउंड में दोपहर बाद होगा. मंगलवार की सुबह उनके अंतिम दर्शन के लिए राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से नेताओं और कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा. मुलायम सिंह यादव (82) का सोमवार की सुबह हरियाणा के गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था. शाम को उनका पार्थिव शरीर मेदांता से करीब 311 किलोमीटर की दूरी तय करके यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते एक बड़े काफिले में उनके पैतृक गांव सैफई लाया गया. उनकी कोठी में देर रात तक श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों का तांता लगा रहा.
परिवार के लोग मंगलवार की सुबह मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक आवास से मेला ग्राउंड के लिए एक रथ पर लेकर रवाना हुए. रथ पर मुलायम के पुत्र और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत परिवार के सदस्य सवार थे. रथ के मेला ग्राउंड में पहुंचने पर वहां माहौल गमगीन हो गया. इस बीच "नेता जी अमर रहें" और "जब तक सूरज चांद रहेगा, मुलायम तेरा नाम रहेगा" जैसे कई नारे गूंजते रहे. सपा के एक प्रमुख नेता ने बताया कि मुलायम सिंह यादव को सैफई के मेला ग्राउंड में दोपहर करीब तीन बजे मुखाग्नि दी जाएगी.
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मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई प्रमुख नेताओं के पहुंचने की संभावना है. लखनऊ में जारी एक सरकारी बयान के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार की शाम सैफई पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की.
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मेला ग्राउंड में मुलायम सिंह यादव को अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि देने के लिए एक मंच बनाया गया है. इसी मंच पर "नेता जी" का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. इस मंच पर अखिलेश यादव के अलावा उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव, प्रोफेसर राम गोपाल यादव समेत परिवार के कई सदस्य नजर आए. परिवार के सदस्यों ने सबसे पहले पुष्प चक्र अर्पित कर नेता जी को अंतिम विदाई दी. पूर्व सांसद डिंपल यादव समेत परिवार की महिलाएं भी मौजूद थीं.
भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी, विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी, पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य समेत सपा के कई नेताओं ने भी यादव के अंतिम दर्शन कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. अपने समर्थकों के बीच हमेशा "नेता जी" के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव बीमार होने के बावजूद कभी सियासी फलक से ओझल नहीं हुए.
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में एक किसान परिवार में 22 नवंबर 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव ने राज्य का सबसे प्रमुख सियासी कुनबा भी बनाया. वह 10 बार विधायक रहे और सात बार सांसद भी चुने गए. वह तीन बार (वर्ष 1989-91,1993-95 और 2003-2007) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और 1996 से 98 तक देश के रक्षा मंत्री भी रहे. एक समय उन्हें प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर भी देखा गया था. मुलायम सिंह यादव के पुत्र और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी (2012-2017) तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
(भाषा)
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