'हम भी दिल्ली न बन जाएं', बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई में कम कर दिया पटाखे चलाने का समय

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 11, 2023, 07:26 AM IST

Bombay High Court firecrackers mumbai news

Bombay High Court: बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि हम एक आपातकालीन और मुश्किल स्थिति में हैं. इसके साथ कोर्ट ने मुंबई में पटाखा जलाने का समय घटा दिया है.

डीएनए हिंदी: बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई और एमएमआरए के वायु प्रदूषण पर सख्ती रखी है. मुंबई और आसपास के इलाकों में अब दिवाली के दिन सिर्फ दो घंटे ही पटाखे जला सकते हैं. अब केवल रात आठ बजे से दस बजे तक ही पटाखे जलाए जा सकेंगे. इससे पहले कोर्ट ने 7 से 10 बजे तक 3 घंटे की इजाजत दी थी लेकिन बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए कोर्ट ने नया आदेश जारी किया है. प्रदूषण की वजह से ख़राब होती स्थिति पर कोर्ट ने स्वयं संज्ञान लिया है.

मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने 6 नवंबर को महाराष्ट्र में सभी नगर निगम प्राधिकरणों की सीमा के अंदर शाम 7 बजे से 10 बजे के बीच तीन घंटे के लिए पटाखे चलाने की अनुमति दी थी. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि मुंबई में पटाखे चलाने में कमी देखी जा रही है. कोर्ट ने कहा कि महानगर में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खराब बना हुआ है. हम एक आपात और गंभीर स्थिति में हैं. लगातर कई प्रयास किए गए हैं लेकिन शायद कुछ और करने की जरूरत है.

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आइए हम दिल्ली न बनें- बोला कोर्ट 

कोर्ट ने कहा कि वह छह नवंबर के अपने आदेश में संशोधन कर रही है. पीखे चलाने का समय रात आठ बजे से 10 बजे तक सीमित रहेगा. 6 नवंबर के आदेश के अन्य सभी निर्देश 19 नवंबर तक लागू रहेंगे. इसके साथ कोर्ट ने कहा कि पठाखे जलांने में आई गिरावट तो ठीक है लकिन हमें मुंबईकर ही बने रहना है. दिल्ली की राह पर नहीं चलना है. प्रदूषण पर निगरानी के लिए वैधानिक व्यवस्था बनाने की जरूरत है. कोर्ट ने यह भी कहा कि  कोर्ट इसकी एक्सपर्ट नहीं है, इस विषय पर गहराई से अध्ययन की जरूरत है. यह समस्या हर साल आती है. 

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने जारी किए ये निर्देश 

वायु प्रदूषण रोकने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कई निर्देश जारी किए हैं. निर्माण कार्य के दौरान कंट्रक्शन मैटेरियल के वाहनों को ढंकना अनिवार्य होगा. महाराष्ट्र के 10 शहरों की प्रदूषण की रिपोर्ट महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पेश करनी होगी. जिसके लिए एक समिति बनानी होगी, जिसमें तीन सदस्य होंगे. यह समिति साप्ताहिक रिपोर्ट तैयार करेगी जो कि बृहन्मुंबई नगर पालिका की रोज की रिपोर्ट पर आधारित होगी. जिसे बॉम्बे हाईकोर्ट के सामने रखा जाएगा. 

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